पलामू(PALAMU): बीते पांच साल में हुसैनाबाद में बदहाल सड़कों की हाल बदल गए. दर्जनों सड़क निर्माण का कार्य जारी है तो कई बन कर तैयार हो चुके. वहीं दर्जनों सड़क निर्माण की निविदा निकलने वाली है .हुसैनाबाद-हरिहारगंज विधानसभा क्षेत्र में हर ओर विकास के काम होता दिख रहा है. दो दिन पहले ही कई पुल पुलिया को स्वीकृति मिली. इसके बाद छह महत्वपूर्ण सड़क निर्माण करने को स्वीकृति मिल गई है. जल्द ही टेंडर की प्रक्रिया पूरी होने के बाद सड़क का निर्माण शुरू हो जाएगा. विधायक कमलेश सिंह ने इसकी जानकारी दी है. उन्होंने कहा कि कमलेश का वादा सिर्फ वादा नहीं रहता है वह हकीकत में जमीन पर देखने को भी मिलता है.
निर्माण कार्य जल्द होगा शुरू
हुसैनाबाद विधानसभा क्षेत्र में मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत छह महत्वपूर्ण सड़कों की स्वीकृति मिल गई है. इस आशय की जानकारी देते हुए हुसैनाबाद विधायक कमलेश कुमार सिंह ने बताया कि उनकी अनुशंसा के आलोक में हुसैनाबाद व हैदरनगर प्रखंड में छह ग्रामीण सड़कों के निर्माण की स्वीकृति मिल गई है. अब इन सड़कों के निर्माण के लिए दो दिनों में निविदा निकलने की उम्मीद है. उन्होंने कहा कि क्षेत्र भ्रमण के दौरान ग्रामीणों ने अपने अपने क्षेत्र की सड़कों पुल पुलिया की समस्या से उन्हें अवगत कराया था. उन्होंने प्राथमिकता के आधार पर उन पुल पुलिया व सड़कों का निर्माण कराने की अनुशंसा की थी. उन्होंने कहा कि पुल पुलिया की निविदा निकाल दी गई है. जल्द ही सड़कों की निविदा भी निकल जायेगी.
इन सड़कों का होगा निर्माण
जिन ग्रामीण सड़कों के निर्माण की स्वीकृति मिली है, उसमे हुसैनाबाद के हदना से सैदा बिगहा होते बैजली तक सड़क निर्माण, मिडिल स्कूल बड़ेपुर से पंचायत भवन होते पुराना बड़ेपुर तक पथ निर्माण, महुअरी पंचायत के मिराहियाडीह गांव से झरहा मुख्य पथ तक सड़क निर्माण, नारायणपुर नहर से शिवपुर तक पथ निर्माण, हैदरनगर के बरेवा मेन रोड से कुट्टी सरयू नदी तक सड़क निर्माण, हैदरनगर बभनडीह मेन रोड से लोहरपुरा रोड चहका भाया बरवाडीह तक सड़क निर्माण शामिल है.
अधिकांश सड़क चका चक
कमलेश सिंह ने बताया कि अब क्षेत्र की लगभग सभी सड़कों को स्वीकृति दिलाने का काम उन्होंने किया है. अधिकांश सड़कों का निर्माण कार्य पूरा किया जा चुका है. कुछ पर कार्य चल रहा है, कुछ पर काम शुरू होने वाला है. उन्होंने कहा कि उन्हें एक एक समस्या की चिंता रहती है. वह लगातार समाधान कराने की दिशा में प्रयासरत रहते हैं. पिछले जनप्रतिनिधियों ने क्या किया यह बताने की जरूरत नहीं है. यही वजह है की उन्हें अधिक मेहनत करना पड़ा है.