☰
✕
  • Jharkhand
  • Bihar
  • Politics
  • Business
  • Sports
  • National
  • Crime Post
  • Life Style
  • TNP Special Stories
  • Health Post
  • Foodly Post
  • Big Stories
  • Know your Neta ji
  • Entertainment
  • Art & Culture
  • Know Your MLA
  • Lok Sabha Chunav 2024
  • Local News
  • Tour & Travel
  • TNP Photo
  • Techno Post
  • Special Stories
  • LS Election 2024
  • covid -19
  • TNP Explainer
  • Blogs
  • Trending
  • Education & Job
  • News Update
  • Special Story
  • Religion
  • YouTube
  1. Home
  2. /
  3. News Update

Seraikela: जब तक विस्थापितों को नहीं मिलेगा मुआवजा तब तक चांडिल डैम का जलस्तर नीचे रखने की चेतावनी, जानिए पूरा मामला

Seraikela: जब तक विस्थापितों को नहीं मिलेगा मुआवजा तब तक चांडिल डैम का जलस्तर नीचे रखने की चेतावनी, जानिए पूरा मामला

सरायकेला(SARAIKELA):विस्थापित एक ऐसा शब्द. जो सुनने में भले ही आपको और हमको अच्छा या ख़राब लगे. लेकिन जिनका घर-द्वार सबकुछ चला जाता है. उसके साथ क्या गुजरता है. ये तों सिर्फ विस्थापित को ही पता होता है. ऐसा ही कुछ मामला सरायकेला जिला से देखने को मिल रहा है. जहां 116 गांव के विस्थापितों को फिर एकबार बरसात से पहले डुबाने का प्लानिंग शुरु हो गया है. डुबाने का प्लानिंग कैसे. देखिए इस रिपोर्ट में...

116 गाँव के लोग है विस्थापित

स्वर्णरेखा बहुउद्देशीय परियोजना, यानी की चांडिल डैम... जोकि सरायकेला जिला में है. चांडिल डैम का निर्माण संयुक्त बिहार, उड़ीसा और पश्चिम बंगाल के सरकारों द्वारा प्रायोजित 1978 में हस्ताक्षरित एक संयुक्त समझौते के बाद हुआ था. इस डैम के निर्माण में कुल 116 गांव के लोग विस्थापित हो गए थे. डैम बनाने का उद्देश्य बाढ़ नियंत्रण एवं सिंचाई हेतु जलापूर्ति, विद्युत उत्पादन, मत्स्य पालन, कृषि एवं पर्यटन को बढ़ावा देना था. लेकिन डैम निर्माण के 45 वर्षो के बाद भी विस्थापित मुआवजे व विस्थापन का दंश झेल रहे है. आज 45 वर्षों के बाद भी सभी विस्थापित रिफ़्यूजी बनकर रख गए है. न उनका कोई सर्टिफिकेट बन रहा है. न विस्थापितों को कोई स्वरोजगार मिल रहा है... न ही अबतक विस्थापन आयोग का गठन हुआ है।

विस्थापितों के रहने की हो रही तैयारी

इधर बरसात में स्वर्णरेखा बहुउद्देशीय परियोजना के अधिकारी चांडिल डैम के विस्थापितों को फिर एकबार डुबाने के प्लानिंग में जुट गए है. लेकिन जनप्रतिनिधि डैम के पानी का जलस्तर 181 मीटर से नीचे रखने की चेतावनी दे रहे है. वहीं प्रशासन के लोग डैम के पानी से कोई विस्थापित गांव न डूबे. बरसात में विस्थापितों को कैसे रहने-खाने की व्यवस्था की जाये. इसकी तैयारी में जुट गई है.

मुआवजे का इंतजार कर रहे विस्थापित

इधर विस्थापितों के मामले पर झारखंड की प्रमुख विपक्षी दल भाजपा भी मुखर हो गई है. और चांडिल डैम के विस्थापितों को सम्पूर्ण मुआवजा न मिलने तक डैम का पानी 179 मीटर से नीचे रखने की चेतावनी दे रही है. अन्यथा आंदोलन की भी चेतावनी दे रही है। वहीं विस्थापन आयोग के गठन का मुद्दा एकबार फिर गर्म हो गया है. जिसको लेकर स्थानीय विधायक. मुख्यमंत्री से मिलने की बात कह रही है.चांडिल डैम के निर्माण के चार दशक बीत जाने के बाद भी चांडिल डैम के विस्थापित आज भी सरकारी नौकरी, विकास पुस्तिका, सम्पूर्ण मुआवजा, स्वरोजगार, जैसे मुद्दे पर आज भी दर - दर की ठोकरे खा रहे है. लेकिन अबतक विस्थापितों को जनप्रतिनिधि, विभाग और प्रशासन के लोग छलने के सिवा कुछ नहीं कर रहें हैं.विस्थापन आयोग का गठन तो बीरबल की खिचड़ी ही समझिये..! क्योंकि अभी तक इस मामले में कोई पहल नहीं हुई है.

रिपोर्ट: बीरेन्द्र मण्डल 

Published at:29 Jun 2024 11:05 AM (IST)
Tags:CHANDILCHANDILDAMSARAIKELAVISTHAOITJHARKHANDRANCHINEWSRANCHINEWSNEWSPOSTTHENEWSPOSTDAMNEWS
  • YouTube

© Copyrights 2023 CH9 Internet Media Pvt. Ltd. All rights reserved.