टीएनपी डेस्क (Tnp desk):- झारखंड में चंपई सोरेन की सरकार चल रही है, मंत्रिमंडल के विस्तार के साथ ही विभागों का बंटवारा भी क दिया गया है. इस दरम्यान नाराजगी और बगावत भी देखी गई. जिससे नयी बनीं चंपई सरकार तो हलकान है. खासकर, सहयोगी दल कांग्रेस में तो अंदर से ही फूट और बगावत हो गयी है. कांग्रेस के 12 विधायक नाराज है औऱ दिल्ली आलाकमान से मिलने चले गये हैं. उनके मनान की कोशिशे तेज हो गयी है, क्योंकि अगर नहीं मानते तो फिर सियासी संकट मंडरा सकता है.
कांग्रेस का अंदरुनी मामला- चंपई सोरेन
मुख्यमंत्री चंपई सोरेन भी दिल्ली दौरे पर है और गठबंधन की सहयोगी पार्टी में चल रही रस्साकशी के बीच इसे कांग्रेस पार्टी का अंदरूनी मामला मानते हैं. पत्रकारों से बातचीत में उनका साफ कहना था कि उनकी आतंरिक मसला है, इसलिए इस पर कुछ नहीं बोलेंगे .इसे लेकर झारखंड मुक्ति मोर्चा और कांग्रेस मं कोई संघर्ष नहीं है. हालांकि, झारखंड में एकबार फिर सियासी संकट को उन्होंने नजरअंदाज किया है और महागठबंधन को पूरी तरह से मजबूत बताया है.
दिल्ली दौर के पीछ मुख्यमंत्री चंपई सोरेन ने कहा कि गठबंधन के नेता होने के नाते उनकी इच्छा मुख्यमंत्री मल्लिकाअर्जुन खरगे से मुलाकात करेंगे
गौरतलब है कि जमीन घोटाले के आरोप में हेमंत सोरेन जेल में बंद हैं. उनकी जगह पर महागठबंधन की ओर से चंपई सोरेन को मुख्यमंत्री पद के लिए चुना गया. चंपई सोरेन तो मुख्यमंत्री बन गये, लेकिन उनके सामने सरकार को चलाने की चुनौती है. क्योंकि , विपक्ष में भाजपा लगातार हमलावर है. इसके साथ ही कांग्रेस के अंदर भी घमसान मचा हुआ है. लिहाजा, सबको साथ लेकर चलना उनके लिए एक इम्तहान की तरह है.