टीएनपी डेस्क (Tnp desk):- जल,जंगल,जमीन, पहाड़ों और नदियों के प्रदेश झारखंड को कुदरत ने खूबसूरती खूब बख्शी है. एक लंबी लड़ाई और संघर्ष के बाद 15 नवंबर 2000 को झारखंड का निर्माण हुआ था. इसके वजूद में आने के बाद लगातार राजनीतिक हलचल और अस्थिरता इसके साथ बनीं रही. भ्रष्टाचार और सियासी उथल-पुथल का दौर हमेशा लगा रहा. इस राज्य के पहले मुख्यमंत्री भारतीय जनता पार्टी के बाबूलाल मरांडी बनें. लेकिन, अपने पांच साल का कार्यकाल पूरा नहीं कर सके, बल्कि गठबंधन में ही गतिरोध के चलते 18 मार्च 2003 को ही अपना पद छोड़ना पड़ा . इसके बाद बीजेपी से ही आदिवासी चेहरे के तौर पर अर्जुन मुंडा ने राज्य के दूसरे मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ ली. 2 मार्च 2005 तक वे सीएम बने रहें.
झारखंड में तीन बार लगा राष्ट्रपति शासन
इसके बाद झारखंड आंदोलन के अगुवा और दिशोम गुरु शिबू सोरेन ने कमान संभाली , लेकिन, 11वें ही दिन 12 मार्च 2005 को इस्तीफा देना पड़ा . इसी दिन बीजेपी के अर्जुन मुंडा ने राज्य के चौथे और दूसरी बार झारखंड के मुख्यमंत्री बनें . जो अगले ही साल 18 सितंबर 2006 तक रहें. इसके बाद निर्दलीय विधायक मधुकोड़ा ने राज्य के मुखिया के तौर पर कमान संभाली, उन्होंने कांग्रेस और राजद के सहयोग से सीएम की कुर्सी हासिल की. उनके शासन में भ्रष्टाचार पर खूब हल्ला हुआ और तोहमते लगी. इसके चलते उन्हें 28 अगस्त 2008 को इस्तीफा देना पड़ा. मधु कोड़ा के जाने के बाद एकबार फिर शिबू सोरेन झारखंड की सत्ता पर काबिज हुए. लेकिन, 18 जनवरी 2009 को उनको भी इस्तीफा देना पड़ा.
तीन बार शिबू सोरेन बनें मुख्यमंत्री
शिबू सोरेन के हटने के बाद राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू हुआ , जो 29 दिसंबर 2009 तक चला . 30 दिसंबर 2009 को एकबार फिर शिबू सोरेन मुख्यमंत्री बनें, लेकिन, 31 मई 2010 को उनको कुर्सी छोड़नी पड़ी. 1 जून 2010 में दूसरी बार झारखंड में राष्ट्रपति शासन लागू हुआ. जो 10 सितंबर 2010 तक चला.
11 सितंबर को अर्जुन मुंडा ने एकबार फिर मुख्यमंत्री पद की शपथ ली. शिबू सोरेन के बाद तीसरी बार सीएम बनने वाले वे दूसरे नेता थे. उनका कार्यकाल भी 18 जनवरी 2013 तक चला . इसके बाद एकबार फिर झारखंड में राष्ट्रपति शासन लागू हो गया, जो 18 जनवरी 2013 तक चला.
2013 में पहली बार मुख्यमंत्री बनें हेमंत सोरेन
13 जुलाई 2013 हेमंत सोरेन झामुमो की ओर से पहली बार मुख्यमंत्री बनें. उनका सहयोग, कांग्रेस और राजद ने किया. हेमंत 23 दिसंबर 2014 तक सीएम रहें. इसके बाद चुनाव हुआ, तो बीजेपी सत्ता में आई और रघुवार दस मुख्यमंत्री बने , रघुवर राज्य के पहले सीएम थे, जिन्होंने पांच साल तक अपना कार्यकाल पूरा किया. 28 दिसंबर 2019 तक सफलता पूर्वक रघुवर ने सरकार चलायी .
झारखंड में जब फिर चुनाव हुआ, तो राज्य में महगबंधन की सरकार बनीं जिसके मुख्यमंत्री बनें हेमंत सोरेन. उन्होंने 29 दिसंबर 2019 को शपथ ली. जमीन घोटाले में नाम आने के बाद उन पर जांच एजंसी ईडी ने शिकंजा कसा. तो वो भी अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर सके औऱ 31 जनवरी 2024 को इस्तीफा दे दिया. उनकी जगह पर जेएमएम के चंपई सोरेन ने राज्य के बारहवें मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ ली.
अगर अभी तक के इतिहास को देखे, तो झारखंड गठन के 23 साल के दौरान इस राज्य ने 12 मुख्यमंत्री देखा.