रांची(RANCHI ): झारखंड में हेमंत सरकार के इस्तीफे के बाद चंपाई सोरेन ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली. तीन लोगों का शपथ हुआ. मुख्यमंत्री के अलावा आलमगीर आलम और सत्यानंद भोक्ता ने शपथ ली. उसके बाद से मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर चर्चा तेज हो गई थी लेकिन इस बीच में दो दिवसीय विशेष सत्र का भी कार्यक्रम था जिसमें चंपाई सरकार ने विश्वास मत आसानी से हासिल कर लिया.
लेकिन सरकार की चुनौती अभी खत्म कहां हुई है. अभी तो इसके विस्तार में कई तरह के पेंच आने बाकी हैं. जिस प्रकार के लक्षण अभी से दिख रहे हैं उससे तो लग रहा है कि कांग्रेस और झारखंड मुक्ति मोर्चा के विधायकों के बीच मंत्री पद पाने को लेकर खींचतान है. मथफुट्टौवल है. कांग्रेस कोटे के तीन मंत्री पद को किसी तरह से पाने के लिए विधायकों में मारामारी चल रही है. झारखंड मुक्ति मोर्चा में मारामारी कम है लेकिन बसंत सोरेन और सीता सोरेन के बीच मामला ठन सकता है. लेकिन ज्यादा संकेत यह है कि बसंत सोरेन बाजी मार ले जाएंगे.
8 फरवरी को होने वाले शपथ ग्रहण समारोह क्यों टले
पूरी तैयारी हो गई थी शपथ ग्रहण समारोह की. यानी चंपई सोरेन सरकार के मंत्रिमंडल विस्तार की तैयारी राजभवन ने अपने स्तर से लगभग तय कर दी थी. लेकिन अंतिम समय में मुख्यमंत्री चंपई सोरेन के आग्रह पर यह कार्यक्रम स्थगित कर दिया गया. अब नई तारीख 16 फरवरी को तय की गई है. राज भवन में 16 फरवरी को अपराह्न 3 बजे शपथ ग्रहण समारोह होगा.
16 फरवरी क्यों रखी गई तारीख
अब आप यह भी जान लीजिए की 16 फरवरी की तारीख क्यों निर्धारित की गई है. जैसा कि पहले ही बताया कि कांग्रेस में सबसे ज्यादा मगजमारी चल रही है. मंत्री पद पाने के लिए सभी लोग लगे हुए हैं. पिछली सरकार में कांग्रेस कोटे से चार मंत्री थे. इस चंपई सरकार में आलमगीर आलम पहले से ही मंत्री बन गए हैं. तीन पद खाली हैं. अब सवाल यह उठ रहा है कि क्या रामेश्वर उरांव, बन्ना गुप्ता और बादल पत्रलेख बदले जाएंगे. वैसे तो कांग्रेसी विधायकों का अपने आला कमान पर लगातार दबाव है कि चारों मंत्री पिछली सरकार में अच्छा काम नहीं कर पाए और शेष बचे इस सरकार के कार्यकाल में कांग्रेस को अपनी छवि अच्छी बनाने के लिए कम से कम खाली पड़े तीन पदों पर नए लोगों को मौका देना चाहिए. सभी लोग अपने-अपने तरह से केंद्रीय नेताओं को रिझाने का प्रयास कर रहे हैं. झारखंड कांग्रेस के प्रभारी गुलाम अहमद मीर ने दिल्ली जाने से पहले यह संकेत दिया था कि राहुल गांधी की दो दिवसीय शेष बची भारत जोड़ो न्याय यात्रा जो पलामू और गढ़वा में होने वाली है. उसके बाद ही कांग्रेसी कोटा के मंत्रियों का नाम तय किया जाएगा. तभी यह लग गया था कि शपथ ग्रहण समारोह जो गुरुवार को रखा गया था वह टल जाएगा. आखिरकार वही हुआ.