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चाईबासा: ममता वाहन संचालक पर अवैध निकासी का आरोप पाया गया सही, जांच दल ने सौंपी रिपोर्ट  

चाईबासा: ममता वाहन संचालक पर अवैध निकासी का आरोप पाया गया सही, जांच दल ने सौंपी रिपोर्ट  

चाईबासा(CHAIBASA): पश्चिमी सिंहभूम जिले में अनुबंध पर बहाल लेखापालों द्वारा कभी फर्जी भाउचर बना और भेंडर बनाकर लाखों रूपये की निकासी किया जा रहा है तो वहीं स्वास्थ्य विभाग में चल रहे ममता वाहन में विभाग द्वारा निर्धारित दूरी के बजाय अधिक दूरी का किमी दिखाकर ममता वाहन संचालक के खाते में लेखापाल द्वारा रूपये का निकासी कर विभाग के खजाने को लूटने का काम किया जा रहा है. कहीं आरबीसी के तहत स्वास्थ्य विभाग में अपने सगे भाई के खाते में रूपये डाल दिए जाते हैं, जबकी आरबीएस के तहत चलने वाले वाहन का कागजात किसी और के नाम पर रहता है. इस तरह के काले कारनामों से विभाग बदनाम हो रहें है.

इधर, गोईलकेरा निवासी नितिन नें पश्चिमी सिंहभूम जिले के जगन्नाथपुर प्रखंड के सीएचसी समेत सभी सीएचसी में चल रहे ममता वाहनों का लेखा जोखा सूचना के आधार पर मांगा गया था. हालांकि जगन्नाथपुर सीएचसी के द्वारा ही केवल ममता वाहन का लेखा जोखा का ब्यौरा स्वास्थ्य विभाग को अब उपलब्ध कराई है, जबकि अन्य सीएचसी में चल रहे ममता वाहनों का ब्यौरा नहीं दिया गया है. स्वास्थ्य विभाग के द्वारा दिए गए ममता वाहन के ब्यौरा में पाया गया कि तत्कालिन लेखापाल जगन्नाथपुर के द्वारा ममता वाहन संचालक दिनेश शर्मा के खाते में मालुका की दूरी 7-8 किमी के बजाय 22 किमी दिखा कर राशि की निकासी की गई है.

उपायुक्त ने किया था जांच दल का गठन

इधर, उपायुक्त ने मामले को संज्ञान में लेते हुए स्वास्थ्य विभाग के तीन सदस्यीय जांच दल का गठन किया था, जिसमें स्वास्थ्य विभाग के डीटीओ भारती मिंज, एसीएमओ डॉ जगदीश प्रसाद, डीपीएम विजय कुमार और एक सहायक कर्मी थे. तथा दुसरे जांच दल में जगन्नाथपुर के कार्यपालक दण्डाधिकारी सह कुमारडुंगी के अंचलाधिकारी सुषमा लकड़ा को बनाया गया था. जिला प्रशासन की ओर से जांच दल के पदाधिकारी सुषमा लकड़ा द्वारा मामले की जांच की गई, जिसमे भी पाया गया कि मालूका से जगन्नाथपुर की दूरी 22 किमी दिखाकर रूपये कि निकासी हूई है, इतना ही नही और कई गांव का दूरी अधिक दिखाकर ममता वाहन के संचालक को भुगतान किया गया. यह प्रमाण पंजिका में लेखपाल के हस्ताक्षर से हुई है. इधर, गुरूवार को स्वास्थ्य विभाग के द्वारा तीन सदस्य जांच दल जगन्नाथपुर पहुंची और मामले की करीब चार घंटे तक जांच की गयी. जांच में ममता वाहन के पंजिका में लेखापाल के द्वारा दर्शाया गया कि किमी निर्धारित दूरी अधिक पाया गया, जबकि वास्तव में जगन्नाथपुर से मालूका की दुरी आठ किमी ही है.

जांच में आरोप पाया गया सही

इस दौरान एसीएमओ डॉ जगदीश प्रसाद व डीपीएम विजय कुमार के द्वारा ममता वाहन संचालक दिनेश शर्मा सै पूछताछ किया गया तो उसने भी कभी 25 किमी तो कभी 30 किमी जगन्नाथपुर से मालूका की दूरी बताया, फिर सात किमी दूरी बताया. संतोषजनक और बरगलाने जैसी जानकारी जांच दल को दी गई, जिससे संतुष्ट नहीं हुए जांच दल और चार घंटे के जांच में तत्कालिन लेखापाल मनोज साव पर लगाया गया आरोप सही साबित हुआ और तीन वर्ष का लेखा जोखा के बही खाते जांच दल सिज कर अपने साथ ले गए. इधर जांच दल में बीपीएम विजय कुमार नें ममता वाहन के नाम पर हुई लूट की जानकारी सही पाए जाने पर इसकी जानकारी दुरभाष पर अपने वरीय पदाधिकारी को दे दी है.

लेखापाल की तो नौकरी जायेगी, ममता वाहन संचालक पर होगा एफआईआर दर्जः डॉ जगदीश

जांच करने आए चाईबासा सदर अस्पताल के ऐसीएमओ डॉ जगदीश प्रसाद ने कहा कि सात से आठ किमी मालूका से जगन्नाथपुर कि दूरी को 22 किमी दिखा कर निकासी किए गये रूपये का आरोप सही साबित हूआ है. उन्होनें ममता वाहन के संचालक दिनेश साव को कहा है कि लेखापाल का नौकरी तो जाएगा, तुम पर एफआईआर भी दर्ज करेंगें.

रिपोर्ट: संतोष वर्मा, चाईबासा  

Published at:19 Jan 2023 08:40 PM (IST)
Tags:Chaibasa allegation of illegaMamta vehicle operator was found correctillegal evacuation on Mamta vehicle operator CHAIBASA NEWS THENEWSPOST JHARKHAND
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