चाईबासा (CHAIBASA) : पद्मश्री अवाॅर्ड के लिए चयनित घाटशिला काॅलेज के हिंदी विभाग के सेवानिवृत्त प्राध्यापक डॉ जानुम सिंह सोय मंगलवार को पैतृक गांव तांतनगर प्रखंड क्षेत्र के गितिल लोंगोर पहुंचे. गांव पहुंचने पर ग्रामीणों ने उनका जोरदार तरीके से अभिनंदन किया. ग्रामीणों ने डॉ जानुम सिंह का हेस्साडीह चौक पर परंपरिक ढोल नगाड़ों और नृत्य के साथ स्वागत किया. सबसे पहले गाड़ी से उतरते ही परंपरिक ढंग से उनके पैर हल्दी पानी से धोये गए. घर पहुंचने पर अंगन में पुजा पाठ कर आम के पत्ते और हल्दी पानी से शुद्धिकरण किया गया. उसके बाद उन्होंने घर में प्रवेश किया. इस दौरान डॉ जानुम के साथ उनकी पत्नी हीरामुनी सोय, पुत्र जयसिंह सोय और पुत्री मधुरिमा सोय साथ में मौजूद थी.
चार दशक से ‘हो भाषा’ में दिया योगदान
चार दशक से ‘हो भाषा’ के संरक्षण में जुटे है प्रो सोय डॉ जानुम सिंह सोय के गांव पहुंचने पर ग्रामीणों में खुशी देखी गई. उन्होंने इसके लिए सभी का आभार जताया. स्वागत करने वालों में कोकचो ग्रामीण मुंडा सुशील कुमार कालुंडिया, ईचा खरकई बांध विरोधी संघ अध्यक्ष साधो पूर्ति, जिला परिषद सदस्य जवाहर बोयपाई, समाजसेवी विश्वनाथ बाड़ा, तुराम मुन्दूइया, वियज सिंह सोय आदि शालिम थे. बता दें कि डॉ जानुम सिंह को ‘हो भाषा साहित्य’ के क्षेत्र में उत्कृष्ट सेवा कार्य के लिए भारत सरकार द्वारा पद्मश्री अवार्ड देने की घोषणा की गई है. प्रो सोय पिछले चार दशक से इस भाषा के संरक्षण और उसके प्रचार-प्रसार में जुटे हैं.
केंद्र सरकार ने की थी घोषणा
कोल्हान यूनिवर्सिटी में हिंदी विभागाध्यक्ष रह चुके हो साहित्यकार डॉ जानुम सिंह सोय को हो भाषा साहित्य में उल्लेखनीय योगदान के लिये देश के चौथे सर्वोच्च नागरिक सम्मान पद्मश्री से नवाजा जाएगा. इसके लिये केंद्र सरकार ने घोषणा कर दी है. जनवरी महीने के अंत में उनको इस सम्मान से अलंकृत किया जाने का संभावना है. पद्मश्री के लिये चुने जाने के बाद उनके पैतृक गांव में जश्न का माहौल रहा. घोषाणा के बाद से उनके घरवालों को बधाई देनेवालों का तांता लगा रहा. सांसद प्रतिनिधि विश्वनाथ तामसोय, हो साहित्यकार डोबरो बुड़ीउली, हो भाषा शिक्षक चंद्रमोहन हेंब्रम, पूर्व शिक्षक सनातन बिरुवा और ओएनजीसी के रिटायर्ड अधिकारी कैरा बिरुवा आदि ने गितिललोंगोर जाकर उनके घरवालों से मुलाकात भी की और जानुम सिंह के भाई रामनाथ और उनके घरवालों को बधाई भी दी.
रिपोर्ट : संतोष वर्मा, चाईबासा