रांची (RANCHI) : झारखंड में लोकसभा चुनाव का रण सज चुका है. बड़े-बड़े महारथी मई के महीने में मैदान में उतरने वाले हैं. इस सियासी रण में पक्ष-विपक्ष की ओर से सियासी बाण छोड़े जाएंगे. हर कोई मतदाताओं को रिझाने के लिए लोक लुभावने वादे करेंगे. मई का पहला सप्ताह यानि आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आगमन झारखंड में हो रहा है. वे दो दिवसीय दौरे में चाईबासा, पलामू और लोहरदगा में चुनावी जनसभा को संबोधित करने वाले हैं. वहीं रांची में इनका आज शाम में रोड शो भी होगा. चाईबासा में भाजपा प्रत्याशी गीता कोड़ा के समर्थन में प्रधानमंत्री मोदी जनसभा करेंगे. सिंहभूम सीट से झामुमो के कद्दवार नेता व पांच विधायक रह चुकि जोबा मांझी मैदान में है. यहां दो महिला प्रत्याशियों के बीच सियासी भिड़ंत है.
आज भी नहीं बदली आदिवासियों की जिंदगी
सिंहभूम संसदीय क्षेत्र की बात करें तो यहां बीते दस वर्षों में आदिवासियों की जिंदगी में कोई बदलाव नहीं आया है. लोग आज भी सखुआ के पत्ते तोड़कर दोना बनाकर बेचते हैं और अपना गुजर बसर करते हैं. इस क्षेत्र की एक बड़ी आबादी गांवों में रहकर खेती और जंगल से लकड़ी काटकर अपना पेट पालते है. रोजगार के साधन नहीं होने के कारण इनके जीवन में कोई सुधार नहीं आया. उद्योग धंधों का घोर अभाव होने के कारण बेरोजगारी और पलायन भी बड़ी समस्या है. रोजगार नहीं मिलने के कारण आदिवासी महिलाएं, पुरुष दूसरे शहरों में जाकर शादी समारोह में झूठे बर्तन उठाने का काम करती हैं. जीविकोपार्जन के लिए उन्हें काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. लोगों का कहना है कि बीते दस सालों में कोई नया उद्योग नहीं लगा है. गीता कोड़ा भी रोजगार दिलाने में नाकाम साबित हुई है. खिलाड़ियों को बुनियादी सुविधाएं नहीं मिली है.
इस इलाके की पहचान अब भी आर्थिक रूप से पिछड़े इलाकों में होती है. यह क्षेत्र अनुसूचित जनजाति बहुल इलाका है और यह सीट एसटी के लिए आरक्षित है. सिंहभूम का पूरा क्षेत्र वन, पहाड़ और पठार से घिरा हुआ है. इस संसदीय क्षेत्र में चाईबासा, चक्रधरपुर, जगन्नाथपुर, मझगांव और मनोहरपुर तथा सरायकेला विधानसभा क्षेत्र शामिल है.
क्या पीएम मोदी के दौरे से लोगों की बदलेगी तकदीर?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज चाईबासा में बीजेपी प्रत्याशी गीता कोड़ा के समर्थन में चुनावी जनसभा को संबोधित करने वाले हैं. यहां लोगों को उम्मीद है कि पीएम मोदी कुछ बड़ी घोषणाएं कर सकते हैं, जिससे हमारे जीवन में कोई बदलाव आयेगा. मतदाताओं की अपेक्षाएं है कि यहां लोगों को रोजगार का साधन मिले, ताकि जीविकोपार्जन में कोई परेशानी न हो. शिक्षा, स्वास्थ्य, पानी, बिजली, सड़क आदि भी दुरुस्त हो. अब देखना होगा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस इलाके में रह लोगों के लिए क्या-क्या वादा करते हैं, क्योंकि अभी देश भर में सिर्फ मोदी की गारंटी ही चल रही है. सिंहभूम में 13 मई को मतदान होना है. और जनता दावा और वादों पर किस प्रत्याशियों को संसद पहुंचाते हैं.
बता दें कि 2019 के लोकसभा चुनाव में सिंहभूम सीट से कांग्रेस की गीता कोड़ा ने मोदी लहर के बावजूद बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मण गिलुआ को हराया था. 2014 में लक्ष्मण गिलुआ यहां से संसद चुने गए थे. वहीं गीता कोड़ा ने लोकसभा चुनाव 2024 से पहले कांग्रेस छोड़ भाजपा में शामिल हो गई. बीजेपी ने गीता को सिंहभूम से उम्मीदवार बनाया है. इस बार यह सीट इंडिया गठबंधन में शामिल झामुमो के खाते में गई है, यहां से जेएमएम ने जोबा मांझी को उम्मीदवार बनाया है.