टीएनपी डेस्क: पश्चिमी सिंहभूम जिले के पोड़ाहाट जंगल में 15 लाख के इनामी अमित मुंडा के साथ हुई मुठभेड़ में कैसे भिड़ंत हुआ पुलिस कप्तान आशुतोष शेखर ने इसका खुलासा किया. उन्होंने बताया कि महानिदेशक एवं पुलिस महानिरीक्षक ने नक्सलियों एवं अपराधियों के विरुद्ध ठोस कार्रवाई करने का निर्देश दिया था. उनके निर्देश के बाद जब सर्च ऑपरेशन चलाया गया तो जानकारी मिली कि कोल्हान सारंडा एवं पोड़ाहाट क्षेत्र में भाजपा माओवादी नक्सली संगठन के शीर्ष नेता मिसिर बेसरा सहित अपने दस्ता के कई नक्सली संगठन के साथ भ्रमणशील है. इसके बाद चाईबासा में पुलिस कोबरा 209 बी, 203 बी, 205 बी, झारखंड जगुआर एवं सीआरपीएफ की टीमों का एक संयुक्त अभियान दल गठित किया.
इसी बीच सूचना मिली कि माओवादी आरसीएम अमित मुंडा जो 15 लाख का इनामी नक्सली है अपने दस्त के साथ पश्चिमी सिंहभूम चाईबासा जिले के पोड़ाहाट क्षेत्र सोनवा थाना अंतर्गत ग्राम विलायती टोला के आसपास पहाड़ी जंगल क्षेत्र में भ्रमणशील है. पुलिस को यह भी सूचना मिली थी कि यह दस्ता एक बड़ी घटना को अंजाम देने के फिराक में है. इसके बाद पुलिस अधीक्षक पश्चिमी सिंहभूम चाईबासा के नेतृत्व में एक संयुक्त अभियान दल का गठन किया गया. जिसमें चाईबासा पुलिस एवं कोबरा 209 बी को शामिल किया गया.
सर्च अभियान के दौरान जवानों पर की गई थी फायरिंग
मंगलवार की शाम सोनवा थाना अंतर्गत विलायती टोला के समीप जंगली एवं पहाड़ी क्षेत्र में प्रतिबंधित नक्सली संगठन भा०क०पा० (माओ०) उग्रवादियों की ओर से सुरक्षा बल को देखकर गोलीबारी शुरू कर दी गई. इसके बाद सुरक्षा बलों के द्वारा भी जवाब कार्रवाई की गई. सुरक्षा बलों को भारी पड़ता देख उग्रवादी दस्ता के सदस्य पहाड़ एवं घने जंगल का लाभ लेते हुए भाग गए. मुठभेड़ के बाद आसपास के क्षेत्र में सर्च अभियान चलाया गया. जिस दौरान एक पुरुष एवं एक महिला नक्सली का शव एवं हथियार एवं कई अन्य नक्सली सामान बरामद किया गया. उक्त शव की पहचान प्रतिबंधित भा०क०पा० (माओ०) नक्सली संगठन के ZCM विनय गंझू उर्फ संजय गंझू उर्फ और ACM हेमन्ती मंझियाईन के रूप में की गई. पुलिस मुठभेड़ में मारे गए माओवादी कमांडर संजय गंझू के खिलाफ पांच आपराधिक मामले दर्ज हैं. संजय के खिलाफ सराईकेला में तीन और टोंटो थाना क्षेत्र में दो मामले दर्ज है. हेमंती ममिंझियाईन बोकारो जिले की रहने वाली थी. हेमंती मंझियाईन के खिलाफ विभिन्न थाना क्षेत्रों में 21 मामले दर्ज थे.
डीजीपी ने क्या कहा
वहीं इस एनकाउंटर के डीजीपी भी सारंडा जंगल पहुँचे थे. एनकाउंटर के उन्होंने बाद कहा कि मारे गए नक्सली नहीं गुंडे हैं. जल्द ही झारखंड से नक्सलियों का पूरी तरह से सफाया होगा.