रांची(RANCHI): झारखंड में कुछ दिनों से केन्द्रीय एजेंसी की धमक बढ़ी है.ऐसे में अब केन्द्रीय एजेंसी के अधिकारी षडयंत्रकारी के निशाने पर है. पहले ईडी के अधिकारियों की सुपारी उग्रवादियों और गैंगस्टर को दी तो अब NIA भी राज्य में खुद को असुरक्षित महसूस कर रही है. ऐसे में सवाल उठने लगा है कि आखिर राज्य किधर जा रहा है. क्या झारखंड में अब गुंडों का राज कायम हो गया है. जिन एजेंसी पर भराष्टाचार और उग्रवाद के खिलाफ कार्रवाई का का जिम्मा है जब वह ही सुरक्षित नहीं महसूस करेगी तो कौन राज्य में सुरक्षित है.
सुदूरवर्ती इलाकों में होती है कार्रवाई
बता दे कि NIA राज्य में सक्रिय है,और उग्रवादियों के ठिकानों पर दबिश बना रही है. लेकिन अब NIA खुद को असुरक्षित महसूस कर रही है. NIA की ओर से गृह विभाग के अधिकारियों को पत्र लिखा गया है. इस पत्र में बताया गया है कि राज्य में बड़े उग्रवादियों के ठिकानों पर दबिश बना रहे है. जब छापेमारी पर जाते है तो उनमें डर बना रहता है कि कोई वारदात ना हो जाए. राज्य में हाल के दिनों में कुख्यात उग्रवादियों के करीबी और अन्य के ठिकानों पर NIA कि कार्रवाई तेज है. वह सुदूरवर्ती इलाकों में जाते है,जंगल पहाड़ों से घिरे इलाकों में कार्रवाई करते है.
कार्रवाई से बौखलाए हैं उग्रवादी
मालूम को की हाल के दिनों में उग्रवादियों के खिलाफ केन्द्रीय एजेंसी और सुरक्षा बलों कि दबिश बढ़ी हुई है. एक ओर जहां जंगलों में सुरक्षा बल माओवादियों के खात्मे को लेकर कार्रवाई का रहे है तो दूसरी ओर NIA उनके आर्थिक तंत्र को कमजोर करने में लगी. दोनों कार्रवाई से उग्रवादी बौखलाहट में है. इस बौखलाहट में वह कोई वारदात को अंजाम दे सकते हैं.