धनबाद(DHANBAD): फर्जी अलॉटमेंट लेटर पर डॉक्टर बनने की कोशिका का धनबाद में खुलासा हुआ है. यह खुलासा धनबाद के SNMMCH में हुआ है. फर्जी स्टेट कोटे के अलॉटमेंट लेटर पर देवघर की एक छात्रा ने नामांकन ले लिया था. लेकिन भला हो उस नियम का ,जिसमें एंट्री करते ही एरर मिला. उसके बाद अधिकारियों के कान खड़े हुए. जांच पड़ताल की गई तो अलॉटमेंट लेटर फर्जी पाया गया.
क्या है नियम
नियम ऐसा है कि नामांकन के बाद स्टेट कोटे के विद्यार्थियों की एंट्री झारखंड कंबाइंड एंट्रेंस कॉम्पिटेटिव एग्जामिनेशन बोर्ड साइट पर करना होता है. नामांकन लेने वाले छात्रों की एंट्री ऑनलाइन की जाती है. लेकिन जब देवघर की छात्रा की एंट्री करने की कोशिश की गई तो एरर बताने लगा. इसके बाद अधिकारियों ने छात्रा के कागजात की जांच की. जांच में पता चला है कि उसने फर्जी अलॉटमेंट लेटर पर नामांकन कराया है. पूरे मामले का खुलासा होने के बाद मेडिकल कॉलेज के अधिकारियों ने इसकी पुष्टि कराई. इसके बाद तत्काल छात्र का नामांकन रद्द कर दिया गया.
नामांकन के पहले अधिकारी गंभीरता से जांच नहीं करते
हॉस्पिटल मैनेजमेंट ने छात्रा के खिलाफ थाना में फर्जी पेपर पर नामांकन लेने का आवेदन दिया है. लेकिन जैसी की सूचना है पुलिस ने रिसीव नहीं किया है. पूरे मामले का खुलासा होने के बाद मेडिकल कॉलेज के अधिकारियों ने छात्र के मोबाइल नंबर पर संपर्क किया. छात्र ने ऑनलाइन काउंसलिंग में शामिल नहीं होने की बात कही.अलॉटमेंट लेटर के बारे में पूछने पर उसने फोन काट दिया. इस पूरे प्रकरण से इस बात का भी खुलासा होता है कि नामांकन के पहले अधिकारी गंभीरता से जांच नहीं करते. अगर नामांकन के पहले ही सारी प्रक्रियाएं पूरी की गई होती तो शायद पहले ही मामले का खुलासा हो जाता. लेकिन ऐसा नहीं हुआ. इस मामले ने नामांकन प्रक्रिया को भी सवालों के घेरे में खड़ा कर दिया है.
सवाल उठता है कि अलॉटमेंट लेटर भी निर्गत करने में झारखंड में क्या कोई गैंग काम कर रहा है. इस मामले को आधार बनाकर अगर जांच पड़ताल शुरू कराई जाए तो हो सकता है कि शिक्षा माफिया के किसी गैंग का खुलासा संभव हो.
रिपोर्ट: धनबाद ब्यूरो