रांची(RANCHI): एक तरफ प्रवर्तन निदेशालय की टीम मनी लॉन्ड्रिंग मामले में ग्रामीण कार्य विभाग के मुख्य अभियंता वीरेंद्र राम के झारखंड, बिहार और देश के दूसरे हिस्सों में फैले उसके ठिकानों पर छापेमारी कर रही है. अब तक की मिली जानकारी के अनुसार अभियंता वीरेंद्र राम के इन ठिकानों से करोड़ों की राशि बरामद हुई है.
वहीं दूसरी ओर एक महत्वपूर्ण घटनाक्रम में सीबीआई की टीम के द्वारा कोल्ड माइंस प्रोविडेंट फंड आर्गनाइजेशन (सीएमएफ) घोटाले को लेकर राजधानी रांची सहित बिहार, उत्तर प्रदेश, उड़ीसा और महाराष्ट्र में छापेमारी की गयी है. दावा किया जा रहा है कि सीबीआई को इस छापेमारी में सीएमएफ घोटाले से जुड़े कई कागजात हाथ लगे हैं.
17 जनवरी को दर्ज हुई थी प्राथमिकी
यहां बता दें कि सीएमएफओ, धनबाद के मुख्य निगरानी अधिकारी आरके अग्रवाल की शिकायत पर सीबीआई की भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने 17 जनवरी को यह मामला दर्ज करवाया था. आरोप है कि कोल्ड माइंस प्रोविडेंट फंड आर्गनाइजेशन के कर्मियों के द्वारा बैंकों से मिलीभगत कर फर्जी एकाउंट बनाकर बाहरी लोगों को पैसा स्थानांतरित किया गया.
कई बैंकों की भूमिका भी संदिग्ध
इस मामले में केनरा बैंक, इंडियन ओवरसीज बैंक, यूको बैंक और ओरिंएटल बैंक और कामर्स सहित दूसरे बैंकों की भी भूमिका भी संदिग्ध है. इसी क्रम में बरियातु, हेहल, पिस्का, इटकी, मेसरा और हेहल रोड में छापेमारी की गयी है. अब तक की मिली जानकारी के अनुसार सीबीआई ने इस मामले में 26 लोगों को अभियुक्त बनाया है. इस मामले में मुख्य आरोपी कोल्ड माइंस प्रोविडेंट फंड आर्गनाइजेशनल के क्षेत्रीय कार्यालय रांची के कर्मी है, सूत्रों के अनुसार क्षेत्रीय कार्यालय रांची के छह अधिकारी और तीन निजी व्यक्तियों का नाम इसमें शामिल है. इन लोगों के द्वारा 38 पूर्व कर्मियों के प्रोविडेंट फंड से 1.75 करोड़ की निकासी कर संगठन को चुना लगाया गया.
रिपोर्ट: देवेन्द्र कुमार