रांची (TNP Desk) : झारखंड विधानसभा बजट सत्र के चौथे दिन बुधवार को सदन की कार्यवाही 11 बजकर 10 मिनट में शुरू हुई। सदन शुरू होते ही विपक्षी दलों के विधायकों ने हंगामा शुरू कर दिया. इससे पहले सदन के बाहर भाजपा विधायकों ने सरकार विरोधी नारेबाजी की. आज विपक्षी पार्टी ने कई मुद्दों पर सरकार को घेरते हुई नजर आयी. जिसमें जेएसएससी पेपर लीक मामले की सीबीआई जांच कराने की मांग और अबुआ आवास में भ्रष्टचार की जांच कराने का मुद्दा छाया रहा.
आरक्षण बिल लौटाने पर सत्ता पक्ष ने जताया विरोध
वहीं सदन के अंदर भी माहौल हंगामेदार रहा. राज्यपाल के आरक्षण बिल लौटाने पर सत्ता पक्ष के विधायकों ने विरोध किया. विधायक प्रदीप यादव ने कहा कि राज्यपाल ने 77 प्रतिशत आरक्षण को असंवैधानिक कहा है. केंद्र के इशारे पर राज्य के पिछड़ों का हक मारने की साजिश है. विधायक उमाशंकर अकेला ने कहा कि राज्यपाल ने यह कहते हुए विधेयक लौटाया कि 75 प्रतिशत आरक्षण असंवैधानिक है. यह बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. वहीं भाजपा विधायक बिरंची नारायण ने कहा कि सदन में उनके सवाल का गलत जवाब मिला है. इसके बाद हंगामा करते हुए भाजपा के विधायक वेल में पहुंचे.
राज्यपाल ने आरक्षण बिल को बताया असंवैधानिक
दरअसल, राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन ने 75 प्रतिशत आरक्षण बिल को असंवैधानिक बताया है. राज्यपाल का कहना है कि जब सुप्रीम कोर्ट ने इसे गलत ठहरा दिया है तो इस बिल को कैसे मंजूरी दी जा सकती है. हम आरक्षण विरोधी नहीं है, लेकिन जो बिल मेरे पास भेजा गया है वो संवैधानिक नहीं है. इसी मामले को लेकर झारखंड विधानसभा के बजट सत्र के चौथे दिन सत्ता पक्ष और विपक्ष ने खूब हंगामा किया. मामला बढ़ता देख विधानसभा अध्यक्ष रबींद्रनाथ महतो ने सत्ता पक्ष और विपक्ष के विधायकों को शांत कराया.