देवघर (DEOGHAR): झारखंड के देवघर शहर में रविवार सुबह एक तीन मंजिला पुराना भवन अचानक भरभराकर गिर पड़ा. भवन के मलबे में 10 लोग दबे थे. जिसके बाद सुबह 6 बजे से लगभग 7 घंटे तक रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया गया, जिसमें सभी को सकुशल बाहर निकला लिया गया है. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार 7 लोगों को निकाला गया है. इनमें 3 की हालत गंभीर बताई जा रही है. जिन्हें इलाज के लिए सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया है. लेकिन इलाज के दौरान 3 की मौत हुई, जिनकी पहचान सुनील यादव इसकी पत्नी सोनी देवी और मणिकांत द्वारी मलबे में दबे हुए. हालांकि अभी तक इसकी अधिकारिक पुष्टी नहीं हुई है. बता दें कि मृतकों कि पहचान बिहार से सटे दर्दमारा के रहने वाले सुनील कुमार यादव, उनकी पत्नी सोनी देवी के रूप में कि गई हैं. स्वास्थ्य विभाग की टीम मौके पर तैनात है. घटनास्थल पर डीसी, एसपी और गोड्डा सांसद निशिकांत दुबे कैंप कर रहे हैं.
मकान मालिक पर मामला किया जाएगा दर्ज- डीसी विशाल सागर
जानकारी देते हुए डीसी विशाल सागर ने कहा कि इस हादसे में 7 लोगों को बाहर निकाला गया है. कुछ की हालत गंभीर बताई जा रही है. जिन्हे इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है, उन्होंने एनडीआरएफ की टीम की प्रशंसा की. साथ ही लोगों से अपील किया कि जर्जर हुए मकान में ना रहे. उन्होंने कहा कि जर्जर भवन में कैसे लोगो को रहने की इजाजत गृह स्वामी द्वारा दी गयी. इसको गंभीरता से लेते हुए मकान मालिक पर मामला दर्ज कराया जाएगा. वही बाजार या अन्य जगहों पर जर्जर भवन में रहने वाले को भी जिला प्रशासन को सहयोग करने का आग्रह किया की ऐसे घरों में रहने वाले इसकी सूचना प्रशासन को दे.
एनडीआरएफ के अधिकारी ने बताया कि 6 बजे सूचना मिली थी. जिसके बाद बिना समय गवाएं टीम घटना स्थल पर पहुंची. जिसके बाद जांच के दौरान सबसे पहले महिला को बाहर निकाला, इसके बाद धिरे-धिरे सबकों बाहर निकाला गया.
एनडीआरएफ पर जताया भरोसा
वहीं घटना स्थल पर मौजूद गोड्डा सांसद निशिकांत दुबे ने देवघर डीसी ने एनडीआरएफ की टीम का आभार जताया. उन्होंने बताया कि सभी फंसे लोगों को सकुशल निकाल लिया गया है. उन्होंने बताया कि 8 से 10 साल पहले श्रावणी मेला में एक बड़ी घटना घटी थी जिसके बाद से यहां पर एनडीआरएफ की एक टीम देवघर में हमेशा के लिए तैनात किया गया था. उसी की वजह से रेस्क्यू ऑपरेशन का कार्य जल्दी शुरू हो गया है.
रिपोर्ट. रितुराज सिन्हा