धनबाद(DHANBAD): एक बार फिर झारखंड सरकार और डीवीसी में ठनने की जमीन तैयार हो गई है. इस तनातनी में केंद्र सरकार को भी हस्तक्षेप करना पड़ सकता है. यह जमीन तैयार हुई है बोकारो जिले के लुगू पहाड़ पर परियोजना को लेकर. डीबीसी द्वारा 1500 मेगावाट क्षमता का पंप स्टोरेज हाइडल पावर प्लांट लुगू पहाड़ पर लगाया जाना है. लेकिन 16 नवंबर को ट्राइबल एडवाइजरी काउंसिल की बैठक में इस पर रोक लगाने की बात कही गई है. घोषणा की गई है कि डीवीसी को लुगू पहाड़ पर प्रोजेक्ट लगाने की अनुमति नहीं दी जाएगी. आदिवासियों के धर्मस्थल से छेड़छाड़ झारखंड सरकार बर्दाश्त नहीं करेगी. इसके बाद डीवीसी प्रबंधन ने केंद्रीय ऊर्जा मंत्रालय को पत्र लिखकर इसकी सूचना भेजी है.
डीवीसी ने केंद्रीय ऊर्जा मंत्रालय से माँगा है दिशा -निर्देश
साथ ही दिशा -निर्देश का डिमांड किया है. परियोजना को लेकर ट्राइबल एडवाइजरी काउंसिल में हुई बैठक की अधिकृत सूचना भी डीवीसी को नहीं दी गई है. अधिकृत जानकारी के अनुसार इस संबंध में राज्य सरकार की ओर से अभी लिखित रूप से कोई सूचना डीवीसी को नहीं मिली है. समाचार पत्र के माध्यमों से ही फैसले की जानकारी डीवीसी को मिली है. 16 नवंबर को ट्राइबल एडवाइजरी काउंसिल की बैठक में आदिवासी- संथालियों के धार्मिक धरोहर लुगूपहाड़ पर प्रस्तावित परियोजना को किसी भी हाल में स्थापित नहीं होने देने का निर्णय सर्वसम्मति से लिया गया है. बैठक में ट्राइबल एडवाइजरी काउंसिल के अध्यक्ष मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने साफ किया था कि आदिवासी समुदाय की आस्था और विश्वास के धार्मिक धरोहर लुगू पहाड़ को संरक्षित करने का काम किया जाएगा.
10,000 करोड़ की लागत से प्लांट को है मंजूरी
10,000 करोड़ की लागत से यह प्लांट तैयार होना है. 10,000 करोड रुपए लगाकर 1500 मेगावाट क्षमता के पंप स्टोरेज हाइडल पावर प्लांट लगाने का प्रस्ताव है. इससे उत्पादित बिजली सस्ती होती है और पर्यावरण के लिए भी अनुकूल होती है. केंद्र सरकार ने 2021 में डीवीसी के लिए लुगू पहाड़ और पश्चिम बंगाल के पंचेत डैम में दो परियोजनाओं की मंजूरी दी थी. लेकिन झारखंड सरकार ने ट्राइबल एडवाइजरी काउंसिल की बैठक में साफ कर दिया कि डीवीसी को लुगू पहाड़ पर परियोजना लगाने की अनुमति किसी भी हालत में नहीं दी जाएगी. अब देखना दिलचस्प होगा कि आगे आगे होता है क्या.
रिपोर्ट -धनबाद ब्यूरो