धनबाद(DHANBAD): बहुत जल्द ही बोकारो स्टील प्लांट 5G नेटवर्क सेवा स्थापित करने वाला देश का पहला पीएसयू बन जाएगा. एमओयू हो गया है, अब सिर्फ सेवा बहाल होनी बाकी है. यह काम भी, सूत्रों के मुताबिक जल्द ही हो जाएगा. यह सेवा बोकारो स्टील प्लांट और इसकी अधीनस्थ इकाइयों में शुरू होगी. सेल बोकारो स्टील प्लांट और टेलीकम्युनिकेशंस कंसलटेंट इंडिया लिमिटेड के बीच शुक्रवार को मेमोरेंडम आफ अंडरस्टैंडिंग हो गया है. इसके साथ ही सभी बाधाएं दूर हो गई है. कई मामलो में यह स्टील प्लांट अपने ढंग का अकेला है. बोकारो स्टील प्लांट के पहले ब्लास्ट फर्नेस का उद्घाटन पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने 1968 में किया था.
1968 में इंदिरा गाँधी ने जो भरोसा दिया था, वह टूट गया
बुजुर्ग बताते हैं कि उद्घाटन के समय श्रीमती इंदिरा गांधी ने कहा था कि जब तकचिमनी से धुंवा निकलता रहेगा , तब तक विस्थापित गांव के लिए चतुर्थ वर्ग की नौकरी रिज़र्व रहेगी. हालांकि कांग्रेस की ही सरकार ने सालों पहले इसे बंद कर दिया. खैर, जो भी हो बोकारो स्टील प्लांट कई मामलों में अद्वितीय है. जानकारी के अनुसार 1956 में बोकारो स्टील प्लांट की न्यू रखी गई थी. बोकारो स्टील प्लांट का इतिहास बोकारो जिला बनने से पहले का है. जब बोकारो जिले का नामकरण नहीं हुआ था, तो इस प्लांट का नाम माराफारी स्टील प्लांट हुआ करता था. जिस जगह पर यह कारखाना लगा है, वहां घने जंगल थे. जंगल को काटकर इसका निर्माण शुरू हुआ और इसका नाम माराफारी स्टील रखा गया था. बाद में मैनेजमेंट ने इसका नाम बदलकर बोकारो स्टील प्लांट कर दिया. तब से बोकारो स्टील प्लांट के नाम से ही जाना जाता है.
पहली अप्रैल 1991 में बोकारो जिले का गठन हुआ था
पहली अप्रैल 1991 में बोकारो जिले का गठन हुआ था. धनबाद जिला के दो प्रखंड चास और चंदनकियारी तथा गिरिडीह जिला के बेरमो अनुमण्डल को मिलाकर बोकारो जिला बना. वैसे, इस कारखाने की नींव रखी गई थी, तब यह हिस्सा बिहार राज्य का करता था. उस समय बिहार सरकार यह नहीं चाहती थी कि इतना बड़ा स्टील प्लांट कहीं और लगे ,इसके लिए सरकार ने हर प्रयास किए, जमीन उपलब्ध कराएं, उसके बाद प्लांट का निर्माण काम शुरू हुआ. और अब यह 5 ज़ी की सेवा बहाल करने वाला देश का पहला पीएसयू बनने जा रहा है.
रिपोर्ट -धनबाद ब्यूरो