बोकारो(BOKARO): आदिवासी मुख्यमंत्री और आदिवासियों की हितैसी सरकार के राज्य में अब आदिवासी अपने आप को असुरक्षित महसूस कर रहे हैं. ताजा घटना बोकारो जिले से सामने आया है, जहां भू माफियाओं के द्वारा आदिवासी जमीन को कब्जा करने के उदेश्य से एक आदिवासी व्यक्ति की जान ले ली गई. सीएनटी एक्ट की जमीन का दावा करने वाले मृतक सुरेश कुमार मुर्मू के परिजनों ने भू माफियाओं पर जिला प्रशासन की संरक्षण प्राप्त होने का भी दावा कर रही है. जिसके दम पर आदिवासी जमीन को भूमाफिया जबरन कब्जा करना चाहते है.
इलाज के दौरान युवक की मौत
जानकारी के अनुसार बोकारो के पिंड्राजोड़ा थाना अंतर्गत तेलीडीह में खाता संख्या 309 जो 81 डिसमिल जमीन है. उसको अपनी पुश्तैनी जमीन बताने वाले धनंजय मुर्मू ने बताया कि सुबह वह लोग अपनी जमीन पर गए. तो वहां भू माफियाओं के द्वारा जेसीबी लगाकर कार्य कराया जा रहा था. जिसे रोका गया तो वहां से काम करने वाले मजदूर भाग गए मगर कुछ ही देर के बाद माफियाओं के लोग हर्ले हथियार से लैस होकर पहुंचे और धनंजय मुर्मू और उनके परिवार के लोगों के ऊपर हमला बोल दिया. जिसमें आधा दर्जन लोग घायल हो गए. जिसके बाद आनन-फानन में घायलों को बोकारो सदर अस्पताल पहुंचाया गया. वहीं हमले में घायल सुरेश कुमार मुर्मू की हालत गंभीर बताते हुए बोकारो जनरल अस्पताल भेज दिया गया. जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई.मौत की खबर सुनते ही कई आदिवासी नेता व समाज के लोग बोकारो जनरल अस्पताल पहुंचे और चेतावनी देते हुए भू माफियाओं को गिरफ्तार करने की मांग पुलिस प्रशासन से करने लगे.घायल धनंजय मुर्मू ने बताया कि इस हमले में मेरे अलावा परिवार के अन्य सदस्य भी बुरी तरह से घायल है और सुरेश मुर्मू की मौत हो चुकी है, अगर जिला प्रशासन हमारी बातों पर जरा भी गंभीरता दिखाई होती तो आज ना तो हम पर हमला होता और ना ही सुरेश कुमार मुर्मू की जान जाती. उन्होंने बताया कि पूर्व में भी भू माफियाओं के द्वारा जान से मारने की धमकी दी गई थी. जिसे लेकर प्रशासन के पास लिखित आवेदन भी दिया गया था. लेकर तब भी कोई कार्रवाई नहीं की गई.
पांच दिन पूर्व भी हुई थी हत्या
आपकों बता दें कि पांच दिन पूर्व भी चास के शिवपुरी कॉलोनी में विष्णु शर्मा की अपराधियों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी. जिसके शरीर पर कई जगह गोली मारी गई थी और इस हत्या को भी जमीन विवाद से जोड़कर देखा जा रहा है. जिस पर पुलिस के द्वारा अभी तक किसी की गिरफ्तारी नहीं की गई है. आज जिस तरह से आदिवासी के सीएनटी एक्ट जमीन को भू माफियाओं के द्वारा कब्जा करने की नियत से एक आदिवासी को मौत के घाट उतार दिया गया. लेकिन निश्चित रूप से यह कहा जा सकता है कि भू माफियाओं को कानून का खौफ नहीं है.
रिपोर्ट. संजय कुमार