रांची/दिल्ली(RANCHI/DELHI): झारखंड की राजनीति में अगले दो दिन काफी अहम है.सभी की निगाहें ED के अधिकारियों और मुख्यमंत्री पर बनी है.मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन के दिल्ली आवास पर ईडी के अधिकारियों की दबिश 12 घन्टे से अधिक रही.लेकिन CM हेमन्त सोरेन कहाँ है इसकी कोई जानकारी किसी के पास नहीं है.इस बीच सूत्रों की माने तो CM जिस प्लेन से दिल्ली गए है ईडी ने उसे ब्लॉक कर दिया है.वह प्लेन अब अस्थाई रूप से ईडी के कब्जे में है.साथ ही Cm के आवास से कई दस्तावेज और एक कार को भी जब्त किया गया है.
27 जनवरी की रात झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन दिल्ली के लिए चार्टर प्लेन से रवाना हुए इधर मालूम हो कि ईडी यानी प्रवर्तन निदेशालय उनसे जमीन घोटाला मामले में पूछताछ करने वाली थी. मुख्यमंत्री ने सोमवार को ईमेल के माध्यम से ईडी को 31 जनवरी को अपने आवास पर आने को कहा है. लेकिन रांची कैसे पहुंचेंगे, यह अभी सोचनीय विषय है.इधर सभी विधायकों को लगेज लेकर रांची में कैंप करने का निर्देश दिया गया है.
चार्टर प्लेन को भी ब्लॉक करने की सूचना
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार झारखंड सरकार का किराए का चार्टर प्लेन जिसे मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन दिल्ली गए थे उसे ब्लॉक कर दिया गया है. यानी चार्टर प्लेन को एक तरह से जब्त कर लिया गया है. इसलिए मुख्यमंत्री प्लेन से नहीं आ सकते हैं. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की खोज में दिल्ली के एयरपोर्ट पर भी ईडी के अधिकारी के तैनात होने की सूचना मिली है. इधर हरियाणा रजिस्ट्रेशन नंबर वाली बीएमडब्ल्यू कर को ईडी के अधिकारी अपने साथ ले गए है. राजधानी रांची में राजनीतिक गहमागहमी बढ़ गई है. इसके अलावा झारखंड मुक्ति मोर्चा के नेता और कार्यकर्ता भी बड़ी संख्या में राजधानी में पहुंचे हुए हैं. वह केंद्रीय एजेंसी ईडी की कार्रवाई का विरोध कर रहे हैं.
क्या कह रहे हैं भाजपा और झारखंड मुक्ति मोर्चा के नेता
झारखंड मुक्ति मोर्चा के नेता ने कहा है कि मुख्यमंत्री ने ईडी को 31 जनवरी को बुलाया है. ऐसे में दिल्ली में ईडी अधिकारियों के मुख्यमंत्री आवास पहुंचने का कोई मतलब नहीं बनता है. उधर भाजपा नेता बाबूलाल मरांडी ने कहा है कि जिस प्रकार से हेमंत सोरेन कानून की अवहेलना कर रहे हैं, यह बिल्कुल गलत है ईडी विधि सम्मत तरीके से कार्रवाई कर रही है.
राज्यपाल ने भी दिया है कड़ा बयान
झारखंड के राज्यपाल सी पी राधाकृष्णन ने कहा है कि अगर मुख्यमंत्री आज ईडी को नजरअंदाज कर रहे हैं तो उन्हें कल तो केंद्रीय एजेंसी के पास जाना ही होगा. उन्होंने एक बार फिर राज्य की विधि व्यवस्था पर असंतोष व्यक्त किया.