धनबाद(DHANBAD):माफिया लड़ते थे,कत्ल करते थे ,लेकिन ऐसा पहले कभी नहीं हुआ था.धनबाद के छह विधायक और एक सांसद सहित झारखंड मुक्ति मोर्चा और कांग्रेस के लोग अगर दलगत भावना से ऊपर उठकर सरकार और प्रशासन पर दबाव बनाएं, तो ऐसा नहीं लगता है कि धनबाद में फिर से सुख शांति नहीं लौटे. अधिकारी तो पंछी की तरह होते हैं ,उनका ट्रांसफर हो जाएगा फिर वह कहीं चले जाएंगे ,लेकिन यहां के जनप्रतिनिधियों को तो यही रहना है. यहां की जनता के सुख-दुख में शामिल रहना है.
धनबाद में बेहिसाब खून खराबा
ऐसे में इन लोगों पर बड़ी जवाबदेही बनती है कि वो लोग दबाव बनाएं और अपराध का जो खेल चल निकला है ,उस पर अंकुश लगवाने का प्रयास करें. वैसे कोयला ट्रांसपोर्टर प्रवीण राय हत्याकांड के बाद धनबाद में उबाल है .पुलिस के खिलाफ लोग उबल रहे हैं. पुलिस को भी इस बात का भान है. वैसे प्रवीण राय हत्याकांड को भी पुलिस ने चुनौती के रूप में स्वीकार किया है. एसएसपी संजीव कुमार की स्पेशल टीम ने इस हत्याकांड में दो लोगों को बोकारो से उठाया है. चर्चा तो यह है कि इनमें शूटर भी शामिल है, लेकिन इसकी पुष्टि किसी कोण से नहीं हो रही है.
दलगत भावना से ऊपर उठिए धनबाद के माननीय
पुलिस कह रही है कि मामले की जांच चल रही है, और जल्द ही परिणाम सामने आएंगे. सूचना के अनुसार बोकारो के किसी सैलून से पुलिस ने एक संदिग्ध को पकड़ा है. उसकी निशानदेही पर दूसरा भी पकड़ा गया है. कहा तो यह भी जा रहा है कि बुधवार को मोहन बाजार से पकड़ाए युवक ने पुलिस को इस हत्याकांड का कुछ सुराग दिया है. उसी के आधार पर पुलिस कार्रवाई कर रही है और बोकारो से दो संदिग्धों को उठाया है. यह बात भी स्पष्ट हो गई है कि शूटर तीन-चार दिनों से चास नाला में रहकर प्रवीण राय की रेकी कर रहे थे और उसके बाद घटना को अंजाम दिया.
धनबाद को बचाने की आपके कंधो पर है भारी बोझ
शूटर ड्राइवर खलासी बन कर अगल बगल रह रहे थे. वही के होटल में खाना खा रहे थे लेकिन कोई कुछ समझ नहीं पाया. मोहन बाजार से जिस युवक को पुलिस ने उठाया है ,शक की सुई उसी पर जाकर टिकी हुई है. देखना है इस हत्याकांड से कब पर्दा उठता है. वैसे धनबाद में हर दिन हो रही फायरिंग और प्रवीण राय की हत्या से आम लोग आक्रोशित हैं. हर कोई पुलिस की कार्यशैली से नाराज है. रंगादारों के खून खराब से धनबाद का व्यवसाय जगत ही नहीं बल्कि आम जनता भी डरी सहमी है.
रिपोर्ट-सत्यभूषण सिंह