धनबाद(DHANBAD) | खून का बदला खून, जिस साहस, दिलेरी और सफाई से "शार्प शूटरों" ने मंगलवार की दोपहर झरिया में बिहार के अपराधी प्रेम यादव की हत्या की, यह चौंकाने वाली थी. सीसीटीवी फुटेज, जो सामने आया है , उसे देखने मात्र से ही लग रहा है कि यह सब किसी "शार्प शूटरो " की करतूत है. झरिया के उस भीड़भाड़ वाले इलाके में हत्या करने की बात सोचना भी साधारण अपराधियों के लिए संभव नहीं हो सकता. दरअसल, यह बिहार का गैंगवार था, जिसकी परिणति झरिया में प्रेम यादव की हत्या के रूप में सामने आई है. हत्या का दृश्य पूरी तरह से फिल्मी था. बाइक पर बैठे शूटर ने सिर्फ दो गोली मारी और निशाना इतना अचूक था कि प्रेम यादव गोली लगते ही गिर पड़ा और घटनास्थल पर ही उसकी मौत हो गई.
केवल दो गोलियों से शूटरों ने कैसे कर दिया काम तमाम
इस घटना से धनबाद में सनसनी फ़ैल गई. पुलिस जब जांच जब आगे बढ़ी, तो कुछ देर तक उसे कुछ पता ही नहीं चला. . लेकिन जब प्रेम यादव के आईफोन की जांच पड़ताल की गई ,तो पता चला कि वह बिहार के छपरा का रहने वाला था. छपरा पुलिस से जब धनबाद पुलिस ने संपर्क किया, तो पता चला कि वह तो शातिर अपराधी था. शूट आउट का काम सुपारी लेकर करता था. 2 अक्टूबर 2025 को छपरा के जलालपुर चौक पर उसने अपने साथियों के साथ मिलकर राहुल पांडे और सूरज पांडे पर गोलियां बरसाई थी. राहुल पांडेय को सिर में गोली मारी गई थी और मौके पर ही उसकी मौत हो गई थी. जबकि सूरज पांडेय ने अस्पताल में जाकर दम तोड़ दिया था.
बिहार में चल रहे गैंगवार की परिणति हुई प्रेम यादव की हत्या
झरिया में भी मंगलवार को प्रेम यादव की हत्या उसी तरह से हुई. सिर में गोली मारकर उसे भी खत्म कर दिया गया. पुलिस को यह भी पता चला कि प्रेम यादव छपरा का रहने वाला था और पांडे बंधुओं के हत्याकांड का मुख्य आरोपी था. बिहार पुलिस की दबिश के बाद वह एक महीने से अधिक समय से झरिया में छिपा हुआ था. उसे क्या मालूम था कि झरिया में ही उसको खत्म करने के लिए प्लान तैयार कर लिया गया है. मंगलवार को गैंगवार में उसे भी मार गिराया गया. इतना तो तय है कि प्रेम यादव को मारने के लिए पहुंचे अपराधी कई दिनों से झरिया में रहे होंगे. प्रेम यादव की रेकी किए होंगे. उसकी रूटीन की जानकारी उन्हें होगी. इसलिए ही तो फिल्मी स्क्रिप्ट की तरह प्रेम यादव को अपराधियों ने मात्र दो गोली से मौत की नींद सुला दिया.
खाना खाने पहुंचते ही पढ़िए कैसे तोह में लग गए थे शूटर
वह एक साधारण होटल में दोपहर के लगभग 3:00 बजे खाना खा रहा था. अपराधी उसकी टोह में थे. मौके की प्रतीक्षा कर रहे थे. खाना खाने के बाद प्रेम यादव होटल से जैसे निकाला और कतरास मोड़ की ओर पैदल चला. बाइक पर सवार तीन शूटर उसके करीब पहुंचे और गोली मार दी. प्रत्यक्षदर्शी बताते हैं कि बाइक के बीच में बैठे शूटर ने प्रेम यादव के सिर में गोली दाग दी. गोली मारने के बाद अपराधी तेज रफ्तार से धनबाद की ओर भाग निकले. वैसे प्रेम यादव कोई साधारण अपराधी नहीं था. उसका नेटवर्क बिहार से लेकर उत्तर प्रदेश में फैला हुआ था. सूत्रों के अनुसार उसके खिलाफ कई राज्यों में 17 से अधिक मुकदमे दर्ज थे. लोग यह भी बताते हैं कि वह झरिया में खुद को किसी ट्रांसपोर्ट का कर्मचारी बता रहा था. आखिर झरिया में उसे किसने पनाह दी? क्या उसे भय था कि गैंगवार में वह मारा जा सकता है? इसलिए झरिया में शरण ले रखी थी. घटना के बाद पहुंची पुलिस भी उसे लेकर अस्पताल तो गई लेकिन उसके बारे में पता नहीं चल पा रहा था.
प्रेम यादव के मोबाइल से कैसे मिला पुलिस को सुराग
उसके मोबाइल से उसके नाम का पता चला, उसके ठिकाने का भी पता चला. फिर बिहार पुलिस ने उसके बारे में धनबाद पुलिस को सब कुछ बता दिया. धनबाद की झरिया कोयले मंडी है. देश के कई राज्यों से लोग रोज कोयला की खरीद बिक्री के लिए झरिया पहुंचते है. यहां से करोड़ों का कारोबार भी होता है. कोयले के कारोबार की वजह से बिहार, यूपी के बाहुबलियों की नजर भी धनबाद पर रहती है. धनबाद में इसके पहले भी कई सनसनी खेज हत्याकांड हुए है. वैसे, भी धनबाद सहित झारखंड के कई इलाके में अपराधी शरण लेते रहे है. आपको जमशेदपुर का वह अद्भुत एनकाउंटर तो याद ही होगा. जिसमें उत्तर प्रदेश का कुख्यात शूटर अनुज कनौजिया मारा गया था. उत्तर प्रदेश एसटीएफ ने घेराबंदी कर जमशेदपुर में गोली का जवाब गोली से दिया था.
रिपोर्ट -धनबाद ब्यूरो
