धनबाद(DHANBAD): धनबाद में एक बार फिर कोयला चोरी में लगे मजबूत गिरोह का खुलासा हुआ है. इसके साथ ही कई चहरे बेनकाब हो गए हैं. खुलासा करने का श्रेय धनबाद जिला खनन विभाग के खाते में गया है. जिला खनन पदाधिकारी और राजगंज की पुलिस ने जीटी रोड पर शुक्रवार को छापेमारी कर कोयले के अवैध खनन एवं परिवहन का खुलासा किया है. इस छापेमारी से यह भी बात खुल गई है कि किन-किन गिरोह द्वारा यह काम बेधड़क किया जा रहा है. इस खुलासे के बाद जिले में हड़कंप है. इस कार्रवाई को आधार बनाकर गहराई से जांच हो तो कई तरह के खुलासे संभव है. कई सफ़ेद चहरे पर कालिख पुत जाएगी. यह भी पता चल सकता है कि कैसे अवैध कागजात तैयार किए जाते हैं, फर्जी फॉर्म डी बना दिए जाते हैं और इस गैंग में कौन-कौन से लोग शामिल है. जिला खनन पदाधिकारी की शिकायत पर गिरोह के कम से कम 4 लोगों के खिलाफ राजगंज थाने में प्राथमिकी हुई है.
13 ट्रको पर लदा है 400 टन से भी अधिक कोयला
13 ट्रके जब्त हुई है. 7 लोगों की गिरफ्तारी हुई है. ट्रकों पर कम से कम 400 टन से अधिक कोयला लदा है. यह कोयला उच्च गुणवत्ता का बताया जाता है. जिला खनन पदाधिकारी की मानें तो कच्चा कोयला धनबाद की विभिन्न कोलियरी और अवैध डिपो से लोड कर बिहार सहित अन्य प्रदेशो में भेजा जाता है. छापेमारी से इस बात का भी खुलासा हो गया है कि विभिन्न कोलियरी और डिपो से कोयला लोड ट्रको को पहले जीटी रोड के किसी एक जगह पर खड़ा किया जाता है. फिर वहीं से उन्हें पासिंग कोड, फर्जी पेपर आदि दे दिए जाते हैं. अब तो हाईवा से भी कोयला आउटसोर्सिंग कंपनियों से चोरी होने का भी खुलासा हो गया है. बस्ताकोला क्षेत्र में 4 दिन पहले, जो खुलासा हुआ है, उसको आधार मानकर बीसीसीएल प्रबंधन और पुलिस जांच की कार्रवाई आगे बढ़ाएं तो आउटसोर्सिंग में चल रहे खेलों का भी खुलासा हो सकता है. लेकिन सवाल फिर वही खड़ा होता है कि क्या ऐसा कुछ होगा, क्या कोयला चोरी रोकने की दिशा में कार्रवाई की जाएगी, फर्जी पेपर बनाने, पासिंग कोड देने अथवा पाने वाले लोग चिन्हित किए जाएंगे. यह बात तो तय है कि जीतनी भी सुरक्षात्मक एजेंसियां हैं, उनको सब कुछ मालूम है. बावजूद सबकी चुप्पी कई संदेहो को जन्म देता है.
रिपोर्ट: शाम्भवी के साथ संतोष