धनबाद(DHANBAD): भाजपा के कम से कम बिहार और झारखंड के "त्रिनेत्र" कहे जाने वाले संगठन मंत्री नरेंद्र नाथ त्रिपाठी रविवार को धनबाद पहुंचे थे. उन्हें जाना था जामताड़ा होते हुए पाकुड़ लेकिन इस बीच कार्यक्रम में रद्दो बदल हो गया और सोमवार को वाया रांची वह दिल्ली के लिए निकल गए है. इसकी पुष्टि भाजपा सूत्रों ने की है. कल धनबाद पहुंचने पर भाजपा के तमाम नेता उनसे मिले. उन्होंने भी अलग-अलग लोगों से बात की. बंद कमरे में बात क्या हुई, वह तो बंद कमरे में ही रह गई. लेकिन बाहर चर्चाएं होती रही. एक चर्चा यह भी रही कि संगठन मंत्री नरेंद्र नाथ त्रिपाठी लोगों का मूड और भाजपा के कार्यकर्ताओं की नब्ज टटोलने के लिए दौरे पर थे.
क्यों लगभग एक ही समय पर निकाली गई रैली
इधर, रविवार को भाजपा युवा मोर्चा के अलग-अलग बाइक जुलूस को लेकर भी चर्चा तेज है. एक बाइक जुलूस भाजपा युवा मोर्चा के प्रदेश महामंत्री रुपेश सिन्हा के नेतृत्व में भुईंफोड़ मंदिर से निकली जबकि दूसरी बाइक रैली प्रदेश प्रवक्ता प्रियंका रंजन के नेतृत्व में शक्ति मंदिर से निकली. रैली अलग -अलग थी लेकिन समय लगभग एक ही था. फिर यही से शुरू हो गई चर्चाये. चर्चा उठी कि क्या सबकुछ जानते हुए संगठन ने हस्तक्षेप नहीं किया या किया तो बात नहीं मानी गई. इन रैली को लेकर भी भी भाजपा के दो लोकल नेताओं के नाम चर्चे में है. कहते हैं कि रुपेश सिन्हा की रैली से विधायक राज सिन्हा की सहानुभूति थी तो प्रियंका रंजन की रैली को पूर्व मेयर शेखर अग्रवाल का आशीर्वाद था. दोनों रैली का समय लगभग एक होने से भी जिला संगठन पर सवाल खड़े किए जा रहे है.
RSS के वरिष्ठ प्रचारक का हो गया है निधन
रैली अलग-अलग भी निकलती लेकिन समय अलग-अलग होता तो सारे लोग उसमें मौजूद रह सकते थे. अगर मिलजुल कर रैली निकाली जाती तो आकर्षक हो सकती थी. इस मामले को अंदर खाने चल रही खींचतान की लड़ाई से जोड़कर देखा जा रहा है. वैसे लोग बताते हैं या कार्यक्रम प्रदेश नेतृत्व के निर्देश पर हुआ था ,इसलिए सभी चुपी बनाए रखने में ही भलाई समझी. लेकिन इतना तो तय है कि धनबाद भाजपा में सब कुछ सामान्य ढंग से नहीं चल रहा है. अभी धनबाद जिला भाजपा महानगर और ग्रामीण जिला अध्यक्ष का कार्यकाल भी खत्म हो गया है. नए अध्यक्ष की नियुक्ति होने वाली है. ऐसे में सामंजस के बजाय खींचतान की राजनीति हो सकता है कि भाजपा के नेताओं को भारी पड़ जाए. सब जानते थे कि संगठन मंत्री रविवार को धनबाद पहुंच रहे है. उन्हें पाकुड़ जाना था लेकिन RSS के वरिष्ठ प्रचारक का निधन बेंगलुरु में हो गया है ,इस कारण संगठन मंत्री लौट गए है.
रिपोर्ट -धनबाद ब्यूरो