धनबाद(DHANBAD) : संथाल परगना की चुनावी राजनीति के केंद्र में बने थे मंडल मुर्मू. इसका जवाब झारखंड मुक्ति मोर्चा ने कुछ इस तरह से दिया है. राजनीति उठापटक के बीच हेमंत सोरेन ने भाजपा नेता सिमोन मालतो को पार्टी की सदस्यता दिलाई है. कोई भी कहेगा कि आखिर सिमोन मालतो कौन है. जिनके लिए झारखंड मुक्ति मोर्चा ग्राउंड लेवल पर काम कर रहा था. दरअसल, वर्ष 2019 में वह भाजपा के टिकट पर हेमंत सोरेन के खिलाफ बरहेट से चुनावी मैदान में थे. लेकिन चुनाव हार गए थे. इस बार भाजपा ने उन्हें टिकट नहीं दिया. इससे वह नाराज चल रहे थे. इसका फायदा उठाते हुए झारखंड मुक्ति मोर्चा ने उन्हें पार्टी में शामिल करा भाजपा को जवाब देने की कोशिश की है.
वैसे, भाजपा को संथाल परगना में डॉक्टर लुईस मरांडी के रूप में कड़ा झटका मिला है. यह अलग बात है कि मंडल मुर्मू को पार्टी में शामिल करा कर भाजपा एक संदेश देने का प्रयास जरूर किया कि देश का क्रांतिकारी समाज भाजपा के साथ है. वैसे, मंडल मुर्मू सक्रिय रूप से राजनीति में बहुत ज्यादा नहीं थे. फिर भी ऐसा कर भाजपा ने मानसिक दबाव डालने में सफल जरूर हुई थी. मंडल मुर्मू मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के प्रस्तावक भी है.मंडल मुर्मू के भाजपा में शामिल होने के बाद बयानबाजी का सिलसिला तेज हो गया था. झारखंड विधानसभा चुनाव में मतदान की तिथि जैसे-जैसे नजदीक आ रही है. राजनीतिक दल के लोग दूसरे दलों से लोगों को लपकने की हर संभव कोशिश कर रहे है. उन्हें पार्टी में शामिल कराया जा रहा है.
बीजेपी झारखंड मुक्ति मोर्चा को झटका दे रही है तो झारखंड मुक्ति मोर्चा भी समय-समय पर भाजपा को जवाब दे रहा है. यह तो बात बिल्कुल सच है कि झारखंड में 2024 का विधानसभा चुनाव खास चुनाव है. इसको लेकर एनडीए और इंडिया ब्लॉक आमने-सामने है. कई तरह की राजनीतिक चाल चली जा रही है. बयानबाजी किये जा रहे है. एक दूसरे को घेरने की कोशिश की जा रही है. मतदाताओं को समझाने की कोशिश हो रही है कि कौन किसका असली शुभचिंतक है. जो भी हो, लेकिन मुख्यमंत्री के प्रस्तावक को भाजपा ने अपने दल में शामिल करा कर जो वाहवाही लूट रही थी, उसका जवाब झारखंड मुक्ति मोर्चा ने सिमोन मालतो को पार्टी में शामिल करा कर देने की कोशिश की है.
रिपोर्ट-धनबाद ब्यूरो