रांची (RANCHI): झारखंड में बांग्लादेशी घुसपैठ के मामले चुनाव आते ही तुल पकड़ने लगा है. हालांकि बांग्लादेशी घुसपैठ का मामला भाजपा द्वारा कई बार उठाया जा चुका है. दरअसल डेनियल दानिश ने झारखंड में बांग्लादेशी घुसपैठ के संबंध में एक याचिका दायर की है. इस संबंध में अब हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार से जवाब मांगा है. लेकिन केंद्र सरकार की ओर से अब तक कोई जवाब नहीं दिया गया है. जिसके बाद अदालत ने केंद्र सरकार को पांच सप्ताह के अंदर जवाब देने और 6 सितंबर को सुनवाई करने का समय निर्धारित किया है.
वहीं दूसरी तरफ घुसपैठ के संबंध में राज्य सरकार की तरफ से कोर्ट में जानकारी दी गयी है कि पाकुड़ में 100 से ज्यादा मदरसे हैं. इस वर्ष संथाल इलाके में धर्म परिवर्तन का सिर्फ 1 मामला बताया गया है. लेकिन मीडिया रिपोर्ट की माने तो इस मामले को लेकर कई बार चर्चा हो चुकी है.
कोर्ट में दायर की गई थी जनहित याचिका
बता दें कि बांग्लादेश से हो रहे झारखंड में घुसपैठ के संबंध में डेनियल दानिश ने जनहित याचिका दायर की है. इस याचिका में उन्होंने बताया है कि किस प्रकार बांग्लादेश के नागरिक झारखंड के सटे इलाकों में घुसपैठ कर रहे है, जो कि राज्य के लिए एक बड़ा खतरा है. साथ ही उन्होंने बताया कि झारखंड के आदिवासी समाज की लड़की से बांग्लादेशी नागरिक शादी करते है और उनका धर्म परिवर्तन कराया जा रहा है. वहीं याचिका में झारखंड में कुछ इलाकों में बढ़ते मदरसे की संख्या पर भी सवाल उठाया गया है. साथ ही कहा गया है कि यह सब एक सोची समझी साजिश के तौर पर किया जा रहा है. जिस कारण देश को काफी नुकसान पहुंचाया जा रहा है. आदिवासी महिलाओं का शोषण किया जा रहा है. उनकी जमीन पर कब्जा करने का काम बड़े आराम से किया जा रहा है.
लंबे समय से भाजपा राज्य सरकार पर खड़े कर रहा सवाल
बांग्लादेश से हो रहे घुसपैठ मामले में लंबे समय से पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी लंबे समय से सरकार पर सवाल खड़े कर रहे है. उन्होंने कहा कि साहिबगंज जिले में 43 सरकारी मदरसे है. इससे यह साबित होता है कि सरकार क्या कर रही है. उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार ने बांग्लादेशी घुसपैठ को राशन कार्ड से लेकर सभी दस्तावेज बनवाने का काम किया है. बांग्लादेशियों के लिए साहिबगंज घुसपैठ का एक अड्डा बन कर रह गया है.