टीएनपी डेस्क (TNP DESK):- भाजपा विधायक दल का नेता कौन होगा , इसे लेकर चर्चा औऱ कवायद प्रदेश में तेज हो गयी है . इसे लेकर कई नामों की चर्चा और दावेदारी देखने-सुनने को मिल रही है . दरअसल, 2019 में विधानसभा चुनाव के बाद से ही नेता प्रतिपक्ष का स्थान खाली है. भाजपा विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी को विधानसभा सचिवालय ने पार्टी का विधायक मानने से इंकार कर दिया है . बाबूलाल को निर्दलीय. विधायक दल के तौर पर गिनती होती है. प्रदेश भाजपा अध्यक्ष बने बाबूलाल को दल-बदल संबंधी शिकायतों पर न्यायाधिकरण ने फैसला सुरक्षित रखा है.
मानसून सत्र से पहले होगी घोषणा
ऐसे कयास लगाये जा रहें है कि विधानसभा के मानसून सत्र से पहले इसका एलान कर दिया जाएगा. बीजेपी के प्रदेश प्रभारी डां. लक्ष्मीकांत वाजपेयी इसे लेकर ही राज्य के दौरे पर आ रहें है. वे सभी विधायकों से इसे लेकर मंथन औऱ विमर्श करेंगे. इसके साथ ही शिर्ष नेताओं के साथ इस पर गहन चर्चा और मशिवरा करेंगे. इसके बाद नाम चयनित होने के बाद अंतिम फैसला लिया जाएगा. भारतीय जनता पार्टी विधानसभा में दूसरा सबसे बड़ा दल है. इस नाते पार्टी विधायक दल के नेता को नेता प्रतिपक्ष का दर्जा प्राप्त होगा . नये नाम पर कोई तकनीकी अड़चन भी नहीं आने वाली है.
27 जुलाई को होगी बैठक
नेता प्रतिपक्ष के चयन को लेकर भारतीय जनता पार्टी , 27 जुलाई को शाम सात बजे विधायक दल की बैठक प्रदेश कार्यालय में होगी. इसकी जानकारी विधानसभा में दल के मुख्य सचेतक बिरंची नारायण ने यह जानकारी साझा की. इस बैठक में नेता प्रतिपक्ष के चयन के अलावा मानसून सत्र को लेकर पार्टी की रणनीति तैयार करेगी. बैठक में उन मुद्दों और मसलो पर भी विचार किया जाएगा, जिसे विधानसभा में उठाया जाएगा
नेता प्रतिपक्ष में इन नामों की चर्चा
विधानसभा में भाजपा की ओर से नेता प्रतिपक्ष कौन होगा, इसे लेकर कई नाम सामने आ रहे हैं. लेकिन, दौड़ में सबसे आगे नाम रांची के विधायक सीपी सिंह का चल रहा है . बीजेपी के इस अनुभवी नेता पर बात बन सकती है औऱ अगर सबकुछ उनके पक्ष में रहा तो सहमति की मुहर भी उनपर लग जायेगी. रांची से लगातार छह बार सीपी सिंह विधायक रह चुके हैं , इसके साथ ही विधानसभा अध्यक्ष और मंत्री भी रह चुके हैं. लिहाजा, जो भी रेस में नाम है, उनका कड़ा मुकाबला सी.पी सिंह से होगा. इनके अलावा धनबाद से विधायक राज सिन्हा, राजमहल से अनंत ओझा और बोकारे से बिरंची नारायण के नाम की चर्चा तेज है . तीनों ने दो बार विधायक रह चुके हैं औऱ विभिन्न स्तरों पर दायित्व का निर्वहन करते हुए आगे बढ़े हैं.