रांची(RANCHI): झारखंड में दूसरे चरण के प्रचार प्रसार का अंतिम दिन है. शाम चार बजे के बाद प्रचार का शोर थम जायेगा. इससे पहले सभी दिग्गज पूरी ताकत झोंक रहे है. इसी कड़ी में बात करें तो झारखण्ड मुक्ति मोर्चा सोशल मीडिया पर आक्रामक हो गयी है. भाजपा पर कई गंभीर आरोप लगाये है. इसमें झारखंड को मणिपुर बनाने से लेकर संथाल परगना को झारखण्ड से तोड़ने का जिक्र किया है. इस पोस्ट से साफ़ है कि चुनाव में भाजपा बांग्लादेशी घसपैठ का मुद्दा बना रही है तो झामुमो मणिपुर पर सवाल पूछते हुए घेर रही है.
दरअसल मणिपुर में दो साल से हिंसा जारी है. हर दिन खून की नदियां बह रही है, इस मसले पर देश में विपक्ष भाजपा पर सवाल उठाते हुए घेर रही है. जब झारखण्ड में चुनाव हो रहा है तो यह मुद्दा पीछे कैसे रहता. झामुमो इस मुद्दे को भी भुनाने में लगी है. सवाल पूछ रही है कि आखिर मणिपुर पर प्रधानमंत्री एक शब्द क्यों नहीं बोल रहे है. झारखण्ड में खूब आदिवासी मूलवासी की दुहाई देकर वोट बटोरने में लगे है, लेकिन मणिपुर के आदिवासी क्यों हिंसा पर उतर गए. इसका जवाब भी देने की जरुरत है. झामुमो ने अपने पोस्ट में लिखा है कि भाजपा झारखण्ड को मणिपुर बनाना चाहती है लेकिन इनके नापाक मनसूबे को झारखंडी कामयाब नहीं होने देगा.
झारखण्ड मुक्ति मोर्चा ने भाजपा को संथाल परगाना प्रमंडल को झारखण्ड से अलग करने की साजिश का भी आरोप लगाया है. कुछ महीने पहले भाजपा सांसद निशिकांत दूबे ने संसद के सत्र में संथाल परगना और बिहार बंगाल के कुछ हिस्से को अलग कर एक अलग केंद्र शासित राज्य बनाने की मांग उठाई थी. इसके बाद से झामुमो भाजपा पर हमलावार है. अब जब चुनाव का समय है तो इस मुद्दे को लेकर जनता के बीच जा रही है. बताने की कोशिश कर रही है कि भाजपा ऐसा कर सकती है.
फिलहाल जिस तरह से चुनाव प्रचार के अंतिम दिन भाजपा और झामुमो एक दूसरे पर हमलावर है. इसके परिणाम क्या होगा जनता इनके वादे के साथ कितना जाती है और किस पर भरोसा दिखाती है यह 23 नवंबर को साफ़ हो पायेगा.