Jharkhand election: 2019 में सबसे कम वोट से जितने का रिकॉर्ड धनबाद के बाघमारा के नाम क्यों रहा, पढ़िए


धनबाद(DHANBAD) : दूसरे चरण की 38 सीटें सत्ता के लिए महत्वपूर्ण होगी. इनमें से कुछ सीट ऐसी हैं, जिनमें पिछले कई विधानसभा चुनाव में 700 से लेकर 5000 से कम मतों से जीत हार होती रही है. इन सीटों पर अगर मतदाताओं का मन मिजाज थोड़ा भी बदला तो परिणाम किसी के पक्ष में जा सकता है. सत्ता के समीकरण को प्रभावित भी कर सकता है. 2019 में सबसे कम वोट जीतने वाली सीट धनबाद की बाघमारा सीट थी. जहां भाजपा के ढुल्लू महतो 824 वोट से चुनाव जीते थे. इन 38 सीटों में कोयलांचल और संथाल की सीटें भी शामिल हैं. यही वजह है कि दूसरे चरण को लेकर सभी राजनीतिक दल गंभीर हैं. वैसे तो आज शाम 5 बजे चुनाव प्रचार का शोर थम जाएगा. लेकिन उसके पहले प्रचार के अंतिम दिन राजनीतिक दलों ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी है. आज भी नेताओं का दौरा जारी है और संथाल, कोयलांचल में नेताओं का जमघट रहेगा. वैसे तो जमघट पिछले कई दिनों से लगा हुआ है. लेकिन आज अंतिम जोर लगेगा.
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क्या कहा भाजपा के राष्टीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने
रविवार को भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष धनबाद ,बोकारो और जामताड़ा में थे. उन्होंने कहा कि इंडिया गठबंधन स्वार्थी लोगों का गठबंधन है. हेमंत सरकार भ्रष्टाचार में लिप्त है. सरकार के मंत्री कुछ जेल में है, तो कुछ बेल पर हैं. हेमंत सरकार ने झारखंड के साथ विश्वासघात किया है. उन्होंने कांग्रेस, झामुमो पर जमकर हमला बोला. कहा कि राहुल गांधी बताएं कि उन्होंने ओबीसी समाज के लिए किया क्या है? हेमंत सरकार को सिर्फ वोट से मतलब है. झारखंड के मंत्री आलमगीर आलम भ्रष्टाचार के आरोप में जेल में बंद है. खुद झारखंड के मुख्यमंत्री फिलहाल बेल पर हैं. झामुमो, कांग्रेस और राजद तीनों ही भ्रष्ट पार्टियां है. तीनों परिवारवाद की पोशाक हैं और भ्रष्टाचार के जरिए राज्य को लूटने का काम कर रही है.
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मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का पलटवार
दूसरी ओर कोयलांचल से लेकर संथाल तक में शनिवार को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कई जनसभाओं को संबोधित किया. उन्होंने कहा कि भाजपा षड्यंत्रकारी पार्टी है. डबल इंजन सरकार का झूठा ढिंढोरा पीट रही है. इसे जनता को सावधान रहना होगा. 2014 से 2019 तक झारखंड में डबल इंजन की सरकार रही. पर विकास का कोई काम नहीं हुआ. सत्ता नहीं रहने के कारण एनडीए के लोग जल बिन मछली की तरह तड़प रहे हैं. 18 सालों से झारखंड में राज करने के बावजूद सत्ता से बाहर रहने को तैयार नहीं है. मुख्यमंत्री ने कहा कि इंडिया गठबंधन पूरी तरह से एकजुट है. झारखंड को सजाने, संवारने व यहां के लोगों को हर मामले में संपन्न बनाना हमारा लक्ष्य है. भाजपा को लोकतंत्र पर विश्वास नहीं है. भाजपा जहां लोकतांत्रिक तरीके से चुनाव नहीं जीत पाती, वहां सांसद और विधायकों की चोरी कर सरकार बनाने में जुट जाती है. मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र इसके उदाहरण है. पिछले 5 सालों में यही प्रयास झारखंड में भी किया गया. लेकिन यहां उनकी नहीं चली. मुख्यमंत्री ने दावा किया कि पड़ोस के एक मुख्यमंत्री ने पिछले एक साल से झारखंड में सरकार को गिराने का हर प्रयास किया. लेकिन उन्हें सफलता नहीं मिली. आज चुनाव प्रचार थमने के पहले आरोप, प्रत्यारोप जारी रहेगा. वैसे दूसरे चरण की 38 विधानसभा सीट ऐसी हैं, जिनमें अगर थोड़ा भी मतदाताओं के मन में बदलाव हुआ, तो परिणाम बड़ा उलट फेर कर सकता है.
रिपोर्ट -धनबाद ब्यूरो
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