धनबाद (DHANBAD) : भाजपा के लिए झारखंड के दो लोकसभा सीट अभी से ही प्रतिष्ठा के सवाल बन गए हैं. यह दोनों लोकसभा सीट हैं राजमहल और पश्चिमी सिंहभूम. इन दो सीटों पर भाजपा को पिछली बार हार का मुंह देखना पड़ा था .पश्चिमी सिंहभूम के लिए भाजपा ने तो ताकत झोंक ही रखी है, राजमहल लोक सभा सीट की जिम्मेवारी केंद्रीय रेल कोयला और खान राज्यमंत्री को दी गई है. पश्चिमी सिंहभूम के लिए तो भाजपा के चाणक्य कहे जाने वाले गृह मंत्री अमित शाह कोल्हान में सभा कर चुके हैं. वहां उन्होंने पहुंचकर कार्यकर्ताओं को संदेश दिया और झारखंड सरकार पर कड़ा हमला बोला. इधर, राजमहल सीट के लिए पिछले 4 महीने में मंगलवार यानी आज केंद्रीय जेल कोयला और खान राज्यमंत्री रावसाहेब पाटील दानवे साहिबगंज पहुंच रहे हैं. बताया जाता है कि मिशन 2024 का टारगेट देकर आलाकमान ने उन्हें राजमहल की जिम्मेवारी दी है.
रेलवे का विकास होने की उम्मीद
बता दें कि राजमहल लोक सभा क्षेत्र में आने वाले साहिबगंज, पाकुड़ जिला के भाजपा संगठन को जमीनी लेवल पर मजबूत करना उनका मकसद है. संथाल को अगर भाजपा को साधना है तो राजमहल सीट उसे हासिल करना होगा. वैसे, राजमहल सीट भाजपा के लिए कई मायनों में महत्वपूर्ण है. रेल राज्य मंत्री एक दिन साहिबगंज और दूसरे दिन पाकुड़ में रहेंगे. वैसे, रेल राज्य मंत्री के इलाके में लगातार दौरे से लोगों की उम्मीदें बढ़ी है. लोग भरोसा कर रहे हैं कि रेलवे का विकास होगा. वैसे भाजपा धीरे-धीरे 2024 चुनाव के तैयारी की ओर बढ़ रही है. प्रधानमंत्री भी रोड शो कर रहे हैं. गृह मंत्री झारखंड आ चुके हैं. रेल राज्य मंत्री को राजमहल का जिम्मा दिया गया है. वैसे भी भाजपा को अगर झारखंड में अपने को फिर से साबित करना है तो लोकसभा सीटों को पहले साधना होगा. झारखंड मुक्ति मोर्चा को कमजोर करने के लिए भाजपा को संथाल में कड़ी मेहनत करनी होगी. झारखंड मुक्ति मोर्चा भी इसकी तैयारी शुरू कर दिया है. मुख्यमंत्री की खतियान जोहर यात्रा इसी चश्मे से देखी जा रही है. कांग्रेस के प्रभारी भी लगातार झारखंड के का दौरा कर रहे हैं. कार्यकर्ताओं में जान फूंकने की कोशिश कर रहे हैं. अब देखना दिलचस्प होगा कि 2024 के चुनाव में जीत हासिल करने के लिए कौन कौन सी तरकीब अपनाई जाती है.
रिपोर्ट : सत्यभूषण सिंह, धनबाद