दुमका(DUMKA):लोक सभा चुनाव की तिथि का एलान कभी भी हो सकता है. तमाम राजनीतिक दल चुनाव को लेकर कमर कस चुकी है. मकसद बस एक ही है, दिल्ली की सत्ता पर काबिज होना.चुनावी विसात पर शह और मात का खेल जारी है.झारखंड की बात करें तो यहां 14 लोक सभा सीट है. वर्ष 2019 के चुनाव में यहां 12 सीट एनडीए के खाते में गया, जबकि 2 सीट पर इंडिया गठबंधन ने जीत का परचम लहराया.आगामी लोक सभा चुनाव में बीजेपी का मकसद इंडिया गठबंधन को शून्य पर क्लीन बोल्ड करना है. इसके लिए राजनीति की विसात पर शह और मात का खेल जारी है. बीजेपी ने झारखंड से एक मात्र कांग्रेस सांसद गीता कोड़ा को अपने पाले में ले लिया है. अब नजर संथाल परगना के राजमहल लोक सभा सीट पर है.
2014 और 2019 क चुनाव में बीजेपी को राजमहल सीट पर पराजय का सामना करना पड़ा
संथाल परगना में 3 लोक सभा सीट है.वर्ष 2014 के चुनाव में बीजेपी को 3 में से सिर्फ 1 सीट गोड्डा से संतोष करना पड़ा, जबकि 2019 में एक कदम आगे बढ़ाते हुए गोड्डा के साथ साथ दुमका सीट पर भी बीजेपी ने अपना परचम लहराया. बीजेपी प्रत्यासी सुनील सोरेन झामुमो सुप्रीमो शीबू सोरेन को पराजित कर सांसद भवन पहुंचे. इस बार के चुनाव में बीजेपी का मकसद संथाल फतह का है, क्योंकि मोदी लहर के बाबजूद 2014 और 2019 क चुनाव में बीजेपी को राजमहल सीट पर पराजय का सामना करना पड़ा.
जरमुंडी विधानसभा के 3 दिग्गजों ने अपने अपने समर्थकों के साथ बीजेपी का दामन थाम लिया
चुनाव नजदीक आने पर एक घटना आम तौर पर देखने को मिलती है. वह है घर वापसी से लेकर जोड़ तोड़ की राजनीति. इसी कड़ी में गुरुवार को दुमका के कन्वेंशन सेंटर में बीजेपी की ओर से मिलन समारोह का आयोजन किया गया. कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी पहुंचे थे. बाबूलाल मरांडी की मौजूदगी में जरमुंडी विधानसभा के तीन दिग्गजों ने अपने-अपने समर्थकों के साथ बीजेपी का दामन थाम लिया.
सामाजसेवी सीताराम पाठक ने की घर वापसी
बीजेपी से अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत करनेवाले सामाजसेवी सीताराम पाठक ने घर वापसी की. दरअसल वर्ष 2019 के विधान सभा चुनाव में सीताराम पाठक ने पार्टी से बगावत कर जरमुंडी विधान सभा से निर्दलीय चुनाव लड़ा, लेकिन किस्मत ने साथ नहीं दिया. मिलन समारोह में अपने संबोधन के दौरान सीताराम पाठक ने कहा कि बाबूलाल मरांडी के सानिध्य में उन्होंने राजनीति का ककहरा सीखा, किसी कारण बस बीच के कालखंड में पार्टी से दूर हो गए थे, लेकिन एक बार फिर बीजेपी से जुड़कर नरेंद्र मोदी को तीसरी बार प्रधानमंत्री बनाने के लिए काम करेंगे.2019 तक सीताराम पाठक गोड्डा सांसद निशिकांत दुबे के सांसद प्रतिनिधि भी रह चुके हैं.वहीं कभी पूर्व मंत्री हरी नारायण राय के विधायक प्रतिनिधि रह चुके विश्वनाथ राय अपने समर्थकों के साथ कमल पर सवार हो गए.जबकि सामाजिक कार्यकर्ता शेखर सुमन ने भी बीजेपी का दामन थाम लिया.इन तीनों के बीजेपी में शामिल होने से निश्चित रूप से बीजेपी को मजबूती मिलेगी.
रिपोर्ट-पंचम झा