रांची(RANCHI): - झारखंड से राज्यसभा की एक सीट पर पार्टी को निर्णय लेने में काफी समय लग गया.9 तारीख को अंततः यह फैसला हुआ कि प्रदीप वर्मा को प्रत्याशी बनाया जाए इसको लेकर लंबा मंथन चला.भाजपा जैसी राष्ट्रीय पार्टी के लिए एक अदद प्रत्याशी के चयन में इतना समय लगा, यह बताता है कि कहीं ना कहीं केंद्रीय नेतृत्व और प्रदेश नेतृत्व के बीच निर्णय लेने में असमंजस की स्थिति थी.
जानिए असमंजस की स्थिति क्यों थी
दरअसल खाली हो रही दो है एक सीट पर कांग्रेस के धीरज प्रसाद साहू और दूसरे पर भाजपा के समीर उरांव हैं. धीरज साहू का मामला तो पहले से ही साफ लग रहा था क्योंकि सरफराज अहमद को खड़ा किया जाना था.इसके लिए झारखंड मुक्ति मोर्चा ने रणनीति तैयार कर ली थी. रही बात भाजपा की तो प्रत्याशी चयन में काफी लंबा समय लगा. प्रदेश चुनाव समिति में तीन नाम अनुशंसित उरांव, दूसरा आशा लकड़ा ,तीसरा अरुण उरांव की चर्चा की गई. वैसे .पार्टी ने समीर उरांव को लोहरदगा से खड़ा कर दिया तो फिर आशा लकड़ा नंबर वन पर चलने लगी. इसके बाद जे. बी तुबिद का जुड़ गया. फिर मामला आगे बढ़ा. और मंथन का दौर चला. इसके बाद आजसू सुप्रीमो सुदेश महतो का नाम जुड़ा.बात यह हो रही थी कि आजसू अपनी गिरिडीह सीट छोड़ देगा. इसके बदले सुदेश महतो राज्यसभा जाएंगे लेकिन बात यह आई कि भाजपा ने साफ तौर पर कह दिया कि गिरिडीह सीट उसे लड़नी है. वह इस सीट को छोड़ नहीं सकते है. ऐसे में यह भी बात आई कि आजसू अगर चुनाव नहीं लड़ेगी तो फिर संदेश ठीक नहीं जाएगा. यह कहानी यहीं पर खत्म हो गई. इसके बाद प्रत्याशी के नाम पर मंथन फिर शुरू हुआ भाजपा के अंदर अलग-अलग नाम पर चर्चा शुरू हुई आशा लकड़ा अरुण गांव का नाम तेजी से चला फिर पार्टी के अंदर यह लगा कि समीर उरांव जो राज्यसभा के सदस्य हैं और जिनकी सीट खाली हो रही है उन्हें तो लोहरदगा सीट दे दी गई.अब यह सीट किसी गैर आदिवासी को दी जाए.तो फिर इसमें चुपचाप चयन प्रक्रिया शुरू हुई. बात चली तो प्रदीप वर्मा के अलावा बालमुकुंद सहाय और रविंद्र राय का नाम सामने आया .प्रदीप वर्मा के बारे में कहा जा रहा है कि आरएसएस के भी बहुत करीबी रहे हैं.बाबूलाल मरांडी की टीम में प्रदेश महामंत्री हैं.तन-मन-धन से पार्टी की सेवा करते रहे हैं. इस तरह प्रदीप वर्मा के नाम पर मुहर लग गई.
प्रदीप वर्मा ने शुरू की तैयारी
रविवार को भाजपा प्रदेश कार्यालय में विधायकों की बैठक हुई जिसमें यह चर्चा की गई, कि सभी लोग एक साथ इस निर्णय के साथ हैं इसके अलावा दूसरे दलों के लोगों यानी विधायकों से भी संपर्क करने का प्रयास किया गया. भाजपा के लिए हमेशा से खड़े रहे कमलेश सिंह के पास प्रदीप वर्मा गए. उनके साथ विधायक दल के नेता अमर कुमार बाउरी भी थे. प्रदीप वर्मा को उम्मीद है कि अमित यादव और सरयू राय का भी वोट उन्हें मिलेगा. वैसे जीत के लिए 27 वोट ही काफी हैं. दूसरी तरफ सरफराज अहमद गठबंधन दल के प्रत्याशी तय किए गए हैं. अगर कोई तीसरा उम्मीदवार नहीं आया तो दोनों प्रत्याशी यानी प्रदीप वर्मा और सरफराज अहमद निर्विरोध चुने जाएंगे.