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धधकती आग पर बिंदास जिंदगी, धनबाद पहुंचे कोयला सचिव ने जाना झरिया पुनर्वास का हाल

धधकती आग पर बिंदास जिंदगी, धनबाद पहुंचे कोयला सचिव ने जाना झरिया पुनर्वास का हाल

धनबाद(DHANBAD): कोयलांचल में धधकती आग पर जिंदगी. फिर भी लोग हथेली पर जान लेकर रहते हैं. यह कोई फिल्मी डायलॉग नहीं बल्कि कोयलांचल की हकीकत है. कोयला सचिव अमृत लाल मीणा अभी धनबाद में हैं.  उन्होंने भी इस हकीकत को देखा. झरिया पुनर्वास योजना की गति को तेज करने और जमीनी हालात को देखने   कोयला सचिव धनबाद पहुंचे हैं. शनिवार को प्रभावित लोगों से चर्चा की और उनकी परेशानियों को जानने का प्रयास किया. आग के बीच कैसे कोयला खनन का काम हो रहा है, इसे भी जानने की कोशिश कर रहे हैं. यह भी जान रहे हैं कि आखिर पुनर्वास में इतनी परेशानियां क्यों खड़ी हो रही हैं. अभी हाल ही में रांची में मुख्य सचिव के साथ हुई बैठक में मास्टर प्लान को लेकर जिन मुद्दों पर चर्चा हुई थी, उस दिशा में पहल की रणनीति क्या बन रही है. शनिवार को वह प्रभावित परिवारों से मिले.

फायर फाइटिंग प्रोजेक्ट को भी देखा  

शुक्रवार को कोयला सचिव बीसीसीएल के कुसुंडा क्षेत्र के आरके ट्रांसपोर्ट कंपनी की फायर फाइटिंग प्रोजेक्ट का निरीक्षण किया था. नक्शा भी देखा था, परियोजना में लगे बड़े डिस्प्ले बोर्ड से आग के बीच कैसे कोयले का उत्पादन हो रहा है, इसकी भी जानकारी ली थी. उन्होंने कहा था कि भूमिगत आग पर काबू पाकर कोयले का उत्पादन किया जाएगा, प्रदूषण नहीं हो, इसके भी उपाय किए जाएंगे. अधिकारियों के साथ उन्होंने चर्चा भी की थी. शनिवार को उन्होंने अन्य कई क्षेत्रों का दौरा किया. सिजुआ क्षेत्र के बांसजोड़ा परियोजना को शुरू करने और विस्तारीकरण में बाधक ग्रामीण और रैयतों से कोयला सचिव ने सीधे वार्ता की. कहा कि परियोजना के विस्तार के लिए ग्रामीणों की मांग पर अधिकारियों के साथ बैठक में निष्कर्ष निकाला जाएगा. 

बांसजोड़ा अग्नि प्रभावित इलाका है और कभी भी यहां खतरा हो सकता है

अधिकारियों ने कोयला सचिव को बताया कि बांसजोड़ा अग्नि प्रभावित इलाका है और कभी भी यहां खतरा हो सकता है. उसके बाद कोयला सचिव ग्रामीणों से रूबरू हुए. ग्रामीणों ने कहा कि वह लोग हटने के लिए तैयार हैं बशर्ते हमें बेल गड़िया जाने के लिए मजबूर नहीं किया जाये. परियोजना के आसपास तेतुलमारी और भूली के बीच उन्हें बसाया जाये. वहां बीसीसीएल की जमीन भी है. ग्रामीणों ने कहा कि बीसीसीएल ने मुआवजा का जो प्रावधान किया है, वह काफी कम है. यहां रह रहे लोग किसी न किसी रोजगार से जुड़े हुए हैं, बेलगड़िया में रोजगार के कोई साधन नहीं हैं. बांसजोड़ा परियोजना को चालू कर 62.5 लाख टन कोयला निकालने की योजना है, लेकिन विस्थापितों के चलते यह योजना अटकी पड़ी है. कोयला सचिव ने शनिवार को कई अग्नि प्रभावित इलाकों का भी दौरा किया और वहां की स्थिति से अवगत हुए, अधिकारियों से भी जानकारी ली.

रिपोर्ट: सत्यभूषण सिंह, धनबाद

Published at:17 Dec 2022 06:10 PM (IST)
Tags:blazing firecoa; mines in jharia jharia dhanbad coal secreatryJharia rehabilitationjharkhand news jharkhand
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