देवघर(DEOGHAR): सास बहू का रिश्ता या तो मां बेटी जैसा होता है नहीं तो एक दूसरे के दुश्मन, लेकिन एक ऐसी बहु है जो अपने पति का साथ देते हुए अपनी सास और ससुर को तीर्थ यात्रा करा रही है. इसके पति इस कलयुग के जमाने में अपने मां बाप के लिए श्रवण कुमार जैसे बेटा का फर्ज निभा रहा है. आज के जमाने में जहां लोग अपनी मां-बाप को बुढ़ापे में छोड़ देते है, वहीं बिहार के जहानाबाद का रहने वाला चंदन कुमार केशरी अपनी मां बाप को कांवर में बैठा कर तीर्थ स्थल का दर्शन करा रहा है. देखने वाले इस कलयुगी बेटा की तारीफ करते हुए सबको ऐसा बेटा मिलने की बात कह रहे है. वहीं अपनी मां बाप के प्रति चंदन और इसकी पत्नी का यह रुप वाकई में आज के युवा पीढ़ी के लिए आदर्श है.
अपने परिजनों के साथ पहुंचा बाबाधाम
कहते है मां-बाप की सेवा करने से भगवान मिलते है लेकिन इस कलयुग के जमाने में ऐसा देखने को नही मिलता.जिस प्रकार इतिहास के जमाने में श्रवण कुमार ने अपने मां-बाप की सेवा की थी उसी तरह इस जमाने में भी एक श्रवण कुमार है.ये श्रवण कुमार बिहार के जहानाबाद निवासी चंदन कुमार केशरी है.चंदन संकल्प लेते हुए निरंतर अपनी मां बाप की सेवा में दिन-रात एक किये हुए है.चंदन ने एक कांवर बनाया और एक तरफ अपनी मां को और दूसरी तरफ कांवर में बाप को बैठा कर सुल्तानगंज से 105 किलोमीटर की यात्रा कर कंधे पर कांवर के साथ बाबाधाम पहुंचा.
सभी की कामना है कि इस कलयुग के जमाने में चंदन कुमार जैसा बेटा मिले
इन दिनो कांवरिया पथ पर एक से एक हत योग का प्रयोग करते दिखाई देते है लेकिन चंदन की हठ को देख श्रद्धालु दांतो तले अंगुलिया दबा रहे है और हर किसी की कामना है की इस कलयुग के जमाने में चंदन कुमार जैसा बेटा सबको मिले.चंदन कुमार ने जो कुछ भी किया है वह एक मिसाल है उन बेटो के लिए जो आज कल के युग के बेटा बना हुआ है,इसने एसके माध्यम से एक सिख देते हुए बतलाया है की मां-बाप से बड़ा इस दुनिया में कोई नही है.
रिपोर्ट-रितुराज सिन्हा