धनबाद(DHANBAD): बिहार की हर गतिविधियों की विशेषकर धनबाद में चर्चा होती है. बिहार के अधिकांश लोगों का संबंध झारखंड के विभिन्न जिलों से जुड़ा हुआ है. झारखण्ड में भी बिहार के लोगो की आवादी कम नहीं है. झारखंड में रहने वाले लोग भी बिहार की हर एक गतिविधियों की सूचना जानना चाहते है. धनबाद कोयलांचल में अभी मुजफ्फरपुर के जमीन कारोबारी आशुतोष शाही मर्डर कांड की खूब चर्चा है. चर्चा तो यह भी है कि मुजफ्फरपुर के प्रथम मेयर को भी दिनदहाड़े गोलियों से भून दिया गया था. आशुतोष शाही के साथ-साथ उस घटना की भी चर्चा हो रही है. गुरुवार से धनबाद में आशुतोष शाही हत्याकांड में पकड़ाए मंटू शर्मा और शूटर गोविंद शर्मा की खूब चर्चा हो रही है.
मंटू शर्मा की बिहार सहित अन्य प्रदेशों में बोलती है तूती
मंटू शर्मा बिहार के छपरा का रहने वाला है लेकिन समूचे बिहार में उसकी तूती बोलती है. वह तो किसी हत्याकांड में स्पॉट पर नहीं रहता लेकिन वह ऑर्डर निकालता है. उसके बाद उसके लोग घटना को अंजाम देते है. यह बात अलग है कि आशुतोष शाही और मंटू शर्मा के बीच भी विवाद था और यही वजह है कि आशुतोष शाही बुलेट प्रूफ गाड़ी पर चलने लगे थे. सूत्र बताते हैं कि मारने के लिए तो कई योजनाएं बनी लेकिन सफल नहीं होने पर वकील के घर पर चढ़कर ही आशुतोष शाही की हत्या करने की योजना बनी और कामयाब रही. इस घटना को बिहार के डीजीपी आर एस भट्टी ने बहुत ही गंभीरता से लिया. नतीजा हुआ कि पटना से लगभग 3000 किलोमीटर दूर रामेश्वरम से मंटू शर्मा और गोविंद शर्मा को गिरफ्तार कर लिया गया है. उसे ट्रांजिट रिमांड पर पटना लाने की तैयारी चल रही है.
लोकल पुलिस के दरकिनार कर मिली कामयाबी
सूत्र बताते हैं कि डीजीपी ने इसे प्रतिष्ठा से जोड़ लिया था. मुजफ्फरपुर पुलिस को दरकिनार कर काम में एसटीएफ को लगाया. मंटू शर्मा तक पहुंचना बहुत आसान नहीं था लेकिन इसके लिए पारंपरिक नहीं बल्कि अत्याधुनिक तकनीक का इस्तेमाल किया गया. फिलहाल मंटू शर्मा जिस फ़ोन का उपयोग कर रहा था ,पुलिस ने नंबर हासिल किया और फिर पुलिस मंटू शर्मा तक पहुंच गई. मंटू शर्मा तो निश्चिंत था कि बिहार पुलिस पहले तो उस तक पहुंचेगी नहीं , और पहुंचने के पहले मुजफ्फरपुर पुलिस में उसके भेदिये उसको सूचित कर देंगे लेकिन इस बार ऐसा कुछ नहीं हुआ और मंटू शर्मा पकड़ में आ गया है. हाल के दिनों में बिहार का मुजफ्फरपुर अपराधियों की शरण स्थली बन गया है. दबंग ता के लिए यहां हत्याओं का दौर चलता है. मंटू शर्मा की गिरफ्तारी से बिहार पुलिस के हाथ एक तुरुप का पत्ता लग गया है. देखना है कि मंटू शर्मा से पुलिस को क्या-क्या सूचनाएं मिलती है.
पुलिस में भेदिये के भरोसे चला रहा था गैंग
बहरहाल पुलिस को यह भी पता चला है कि मंटू शर्मा कई प्रदेशों में अपना कारोबार चला रहा है. मंटू शर्मा के बारे में धनबाद कोयलांचल या झारखंड में रहने वाले लोग यह जानना चाह रहे हैं की गैंगस्टर मंटू शर्मा आखिर किसकी सह पर अपराध की लगातार घटनाएं करता रहा है. यह बात अलग है कि मुजफ्फरपुर पुलिस पर डीजीपी को भरोसा नहीं था और उन्होंने इस बार मंटू शर्मा के आदमियों को गिरफ्तार करने के बजाय सीधे मंटू शर्मा को हिट करने की योजना बनाई. इसलिए आशुतोष शाही हत्याकांड में किसी भी अन्य अपराधियों की गिरफ्तारी नहीं हुई. सीधे रामेश्वरम से मंटू शर्मा को ही पकड़ा कहा जाता है कि मंटू शर्मा जब भी किसी बड़ी अपराध की घटना को अंजाम देता है, वह किसी न किसी ज्योतिर्लिंग में माथा टेकने जरूर जाता आशुतोष शाही की हत्या के बाद भी वह भगवान् को धन्यबाद करने रामेश्वरम पहुंचा था लेकिन इस बार पुलिस उस पर भारी पड़ गई.
रिपोर्ट -धनबाद ब्यूरो