धनबाद(DHANBAD): साइबर ठगी के शिकार लोगों के पक्ष में बिहार सरकार ने एक बड़ा फैसला लिया है. निर्णय हुआ है कि जिन लोगों की राशि ठग ली गई है, उन्हें वापस कराया जाएगा. लगभग 20 करोड़ से भी अधिक रुपए वापस करने का डिसीजन हुआ है. यह रकम बैंकों के सहयोग से पीड़ितों के खाते में भेजी जाएगी. फरवरी" 2023 के पहले एवं बाद में की शिकायतों के आधार पर बैंक में होल्ड कराई गई राशि को भुक्त भोगियों को लौटाने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी. पुलिस मुख्यालय के अनुसार साइबर ठगी के शिकार लोगों से सूचना मिलने के बाद फरवरी "23 के बाद से अब तक 15 करोड रुपए से अधिक विभिन्न बैंकों में होल्ड कराया गया है, जबकि इसके पहले चार करोड रुपए से अधिक होल्ड कराया गया था.
20 करोड रुपए से अधिक साइबर ठगों के हाथ जाने से बचा
इस प्रकार अब तक 20 करोड रुपए से अधिक साइबर ठगों के हाथ में जाने से बचा है. बिहार में अब तक साइबर ठगी के 962 मुकदमे दर्ज किए गए है. साइबर ठगी के शिकार लोगों के पक्ष में यह एक बड़ा फैसला कहा जा रहा है. सबको मालूम है कि झारखंड के जामताड़ा से निकले ठग पूरे देश में फैल चुके है. और रोज नया -नया तरीका ढूंढ कर लोगों को ठग रहे है. झारखंड में भी सभी जिलों में साइबर थाना खोल दिए गए हैं, लेकिन साइबर ठगी का धंधा कम नहीं हो रहा है.
झारखंड के जामताड़ा में तो चलती है पाठशाला
झारखंड के जामताड़ा इलाके में तो साइबर ठगी करने वाले खाक पति से करोड़पति बन गए है. इनका ठाट- बाट और लाइफ स्टाइल देखने लायक होता है. पुलिस ने अभी हाल ही में जामताड़ा जिले के एक गांव में छापेमारी की थी तो उसे सेंसर लगा आवास मिला था. झारखंड के कई जिलों में तो इन अपराधियों का न कोई कार्यालय होता ना कोई विशेष सामान. गाड़ी में बैठकर ही ऑफिस चलाते हैं और लोगों को ठगते है. इसके अलावा स्टूडेंट बनकर अन्य जगहों पर कमरा लेते हैं और ठगी करते है. देश का कोई भी राज्य हो, इनका जाल वहां तक पहुंच गया है और लोगों को विभिन्न माध्यमों से लगातार ठग रहे है.
रिपोर्ट -धनबाद ब्यूरो