धनबाद(DHANBAD) | बिहार की सोन के "बालू से तेल" निकालने वालों ने कभी सोचा भी नहीं होगा कि एक दिन उनके लिए यह जी का जंजाल बन जाएगा. गुरुवार को ईडी ने धनबाद के अलावा पटना के बोरिंग रोड और बिहटा में में ब्रॉडसंस कंपनी के मैनेजिंग डायरेक्टर अशोक कुमार के ठिकानों पर भी छापेमारी की थी. अशोक कुमार भाजपा के विधान पार्षद जीवन कुमार के पिता है. इधर , बालू घोटाले को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री और सांसद सुशील मोदी लालू प्रसाद एवं नीतीश कुमार पर हमलावर हो गए है. वैसे सोन नदी के बालू से तेल निकालने वालों का अब खुद ही "तेल" निकल रहा है. धनबाद के कम से कम पांच तो गिरफ्तार हो चुके है. अब आगे किसकी बारी है ,इसको लेकर सवाल और तर्क किए जा रहे है.कोई पटना का नाम ले रहा है तो कोई हज़ारीबाग़ का. कई लोग धनबाद का भी नाम ले रहे है.
पेटी और खोखा का खेल क्या पड़ेगा महंगा
तो क्या बिहार में बालू घोटाले के बहाने "मुखौटा" बनकर धनबाद में कारोबार करने वाले चिन्हित लोगों पर भी प्रवर्तन निदेशालय का शिकंजा कसेगा. यह सवाल इसलिए उठ रहे हैं कि बिहार के बालू घोटाले में कई छोटे-बड़े लोगों का पैसा लगवाया गया है. वैसे भी यह कहा जाता है कि धनबाद में जो कारोबारी बहुत जल्दी सफलता की सीढ़ी चढ़ते हैं ,उसमें उनकी पूंजी नहीं होती है. पेटी और खोखा का खेल यहां खूब होता है. बिहार के बालू घोटाले में अब तक धनबाद के पांच लोगों की गिरफ्तारी से कारोबारी जगत में हड़कंप तो है ही, 5 जून को जिनके- जिनके घरों में प्रवर्तन निदेशालय के अधिकारी पहुंचे थे, उनकी तो परेशानी बढ़ी हुई है. कुछ अन्य लोग भी परेशान है. बिहार के बालू घोटाले को आधार बनाकर प्रवर्तन निदेशालय किस किस की गर्दन तक पहुंचेगी, यह सवाल धनबाद के कारोबारी जगत में जगनारायण सिंह की गिरफ्तारी के बाद से ही तेज होती रही है. हालांकि जगनारायण सिंह, उनके बेटे के बाद प्रवर्तन निदेशालय ने तीन लोगों को गिरफ्तार किया है. जिनमें मिथिलेश सिंह, बबन सिंह और सुरेंद्र जिंदल शामिल है.
सुरेंद्र जिंदल 4-5 साल पहले सिंदरी से धनबाद शिफ्ट हुए
सुरेंद्र जिंदल के बारे में बताया जाता है कि 4-5 साल पहले वह सिंदरी के गौशाला से धनबाद शिफ्ट हुए है. उनके भाई अभी भी सिंदरी में ही रहते है. सुरेंद्र जिंदल और उनके परिवार का मुख्य कारोबार स्क्रैप है. दूसरे प्रदेशों में भी उनके काम है. ट्रांसपोर्टिंग के काम से भी यह परिवार जुड़ा हुआ है. हालांकि सूत्र बताते हैं कि जगनारायण सिंह के साथ सुरेंद्र जिंदल रियल एस्टेट के कारोबार में भी थे. जो भी हो सुरेंद्र जिंदल की गिरफ्तारी से कई अलग-अलग कारोबार से जुड़े लोगों की भी परेशानी बढ़ गई है. धनबाद के "धनपशुओ" की यह विशेषता है कि वह किनके किनके साथ मकड़ी की जाल की तरह कारोबार में जुड़े हुए हैं, यह जल्दी पता नहीं चलता. जब कोई एजेंसियां कार्रवाई करती हैं तो प्याज के छिलके की भांति परत दर परत मामले सामने आने लगते है. झारखण्ड में शराब जाँच की आंच भी धनबाद पहुंच जाए ,तो कोई आश्चर्य नहीं.
रिपोर्ट -धनबाद ब्यूरो