धनबाद(DHANBAD) : डूबते को तिनके का सहारा. जब कोई भी लाचार और विवश हो जाता है तो वह कुछ भी करने को तैयार हो जाता है. तकनीक की इस दुनिया में बिहार के समस्तीपुर से एक चौंकाने वाली खबर सामने आई है. यह खबर समस्तीपुर के शिवाजी नगर पुलिस स्टेशन के एक गांव से सामने आई है. दरअसल गांव का ट्रांसफार्मर बार-बार जल जा रहा था. ट्रांसफार्मर बनता था और फिर उसमें आग लग जाती थी. कई बार इस तरह की घटनाएं हुई. बिजली विभाग से शिकायत करने के बाद इसे ठीक किया जाता, लेकिन फिर ट्रांसफार्मर में घंटे भर में ही आग लग जाती. यह क्रम लगातार लंबे समय से जारी रहा. ग्रामीण अंधेरे में रहने को मजबूर होते रहे. फिर ग्रामीणों का गुस्सा जब बिजली विभाग पर फूटा तो बिजली विभाग के किसी ने कह दिया कि हम तो अपना काम कर ही रहे हैं. इस ट्रांसफार्मर पर भूत का साया है.
भूत की साया को हटाने का ओझा करता रहा प्रयास
इसके बाद भूत का साया को हटाने के लिए ओझा को बुलाया गया. ओझा ने ट्रांसफार्मर से बुरी आत्माओं को भगाने के लिए अनुष्ठान शुरू किया. मंत्र का जाप शुरू हुआ. ओझा ढोल की थाप पर नाचने लगे. ट्रांसफार्मर की झाड़ फूंक होने लगी. बुरी आत्माओं को भगाने के लिए ओझा चिल्लाने लगे. इतना करने के बाद भी ट्रांसफार्मर ने काम करना शुरू नहीं किया. उसके बाद ओझा ने कहा कि इस ट्रांसफार्मर पर बुरी आत्माओं का नहीं बल्कि "भ्रष्टाचार का भूत" है. आप लोगों ने बिजली विभाग की ठीक से सेवा नहीं की. उस पर चढ़ावा नहीं चढ़ाया. उसे चढ़ावा दीजिए, ट्रांसफार्मर ठीक हो जाएगा. जो भी हो लेकिन इस घटना ने सबको चौंकाया है. डूबते को तिनके का सहारा वाली कहावत को भी चरितार्थ किया है.
कोयलांचल भी झेल रहा परेशानी
यह तो हुई बिहार की बात, कोयलांचल की बात की जाए तो शहर में लोग बिजली संकट से परेशान हैं. रात भर बिजली का आना-जाना लगा रहता है. बिजली गुल भी रहती है. पिछले तीन-चार दिनों में बारिश की वजह से दर्जन भर से अधिक ट्रांसफार्मर में खराबी आई है. कई-कई इलाकों में 24 घंटे से अधिक समय से बिजली नहीं है. बिजली नहीं रहने से पानी का संकट पैदा हो गया है. धनबाद बिजली विभाग के पास ट्रांसफार्मर का भी संकट है. विभाग के पास उतना स्टॉक नहीं है कि तुरंत ट्रांसफार्मर बदल दिए जाएं. दरअसल, तकनीकी कारण तो होता ही है लेकिन ट्रांसफार्मर पर क्षमता से अधिक लोड दे दिए जाते हैं.
कोयलांचल में लोड के कारण जलते है ट्रांसफार्मर
नतीजा होता है कि ट्रांसफार्मर उस लोड का वहन नहीं कर पाते और तकनीकी गड़बड़ी पैदा हो जाती है. वैसे कोयलांचल में तीन दिनों में जबरदस्त बारिश हुई है. वैसे अगर झारखंड की बात की जाए तो पिछले तीन दिनों में लगातार बारिश से आंकड़ा सामान्य के करीब पहुंच गया है. अब केवल 19% बारिश कम है. भारी बारिश से खेती किसानी के लिए सभी खेत पानी से लबालब है. मौसम विभाग के अनुसार अगले 24 घंटे के दौरान राज्य के कई जिलों में बारिश हो सकती है. कई जगहों पर येलो अलर्ट जारी किया गया है. 4 अगस्त के बाद मानसून की गतिविधि कमजोर होने के बाद 6 अगस्त से फिर बारिश जोर पकड़ेगी.
रिपोर्ट-धनबाद ब्यूरो