धनबाद (DHANBAD) : बिहार चुनाव में सीटों के बंटवारे को लेकर एनडीए और महागठबंधन में किच-किच चल रही है. इस बीच जनसुराज ने गुरुवार को 51 उम्मीदवारों की सूची जारी कर दी. उसके बाद से यह सवाल उठने लगे हैं कि आगे की सूची क्या इसी तरह का मिश्रण रखा जाएगा? क्या जनसुराज के सूत्रधार प्रशांत किशोर चुनाव लड़ेंगे? हालांकि सूत्र बताते हैं कि प्रशांत किशोर के चुनाव लड़ने में संदेह है? 51 उम्मीदवारों की जो सूची जारी की गई है, उनमें 17 अति पिछड़ा वर्ग से आते है. 11 पिछड़ा वर्ग से आते है. सात मुसलमान उम्मीदवारों को टिकट दिया गया है. सात दलित को भी टिकट मिला है, तो सवर्ण जातियों के लोगों को भी लगभग 9 सीट दी गई है.
आगे अन्य दलों पर उम्मीदवारों के चयन पर रहेगी हर दल की नजर
एनडीए और महागठबंधन में सीट का बंटवारा नहीं हुआ है, इसलिए अभी दूसरे दलों का क्या रुख होगा, इस पर कुछ स्पष्ट नहीं कहा जा सकता है. लेकिन इस बात की चर्चा तो हो ही रही है कि प्रशांत किशोर की पार्टी अगर इसी मिश्रण के साथ टिकट का बंटवारा आगे भी करती है, तो किसके लिए खतरा बड़ा हो सकता है. नीतीश कुमार, तेजस्वी यादव या बीजेपी कौन अधिक प्रभावित हो सकता है. सूत्र बताते हैं कि अगर 30% अति पिछड़ा वर्ग से 51 में से टिकट दिया गया है, तो यह नीतीश कुमार के लिए परेशानी की बात हो सकती है. अति पिछड़ा वर्ग के बारे में कहा जाता है कि वह नीतीश कुमार के वोट बैंक हैं और उसके लिए नीतीश कुमार ने कई योजनाएं भी चलाई है. अति पिछड़ों को अगर जनसुराज आगे की सूची में और टिकट देती है, तो इसे नीतीश कुमार पर खतरा बढ़ सकता है.
नीतीश कुमार ने अभी महिलाओं के लिए कई योजनाएं शुरू कराई है
नीतीश कुमार ने अभी जीविका दीदी जैसी कई पहल की है. लेकिन इसके भी काट के लिए जनसुराज ने कुछ उपाय किए है. जानकारी के अनुसार सूची में सात महिला और एक ट्रांसजेंडर भी है. फिलहाल की सूची देखने से ऐसा नहीं लग रहा है कि तेजस्वी यादव को बहुत बड़ी चिंता होगी, क्योंकि ओबीसी के वोटर अब राजद के पूरी तरह से वोटर नहीं रह चुके है. ओबीसी वोटरों का एक हिस्सा भाजपा में भी शिफ्ट किया है. अलग बात है कि पहले ही सूची में जनसुराज ने मिथिला और सीमांचल के जिलों में सात मुसलमान को टिकट दे दिया है. यहां तेजस्वी यादव को परेशानी हो सकती है. प्रशांत किशोर मुस्लिम नेताओं से कह रहे हैं कि वह पार्टी पर दबाव बनाकर राजद में 40 सीट हासिल करे. इसके बाद तो महागठबंधन पर मुस्लिम उम्मीदवारों को बढ़ाने का दबाव बन सकता है.
11 को राघोपुर जाएंगे जनसुराज के सूत्रधार प्रशांत किशोर
यह अलग बात है कि प्रशांत किशोर का कहना है कि वह 11 अक्टूबर को राघोपुर जाएंगे और वहां के लोगों से बातचीत कर राघोपुर से चुनाव लड़ने पर फैसला करेंगे. लेकिन सूत्र बताते हैं कि प्रशांत किशोर चुनाव नहीं लड़ेंगे, अलग बात है कि पहली सूची जारी होने के बाद कुछ हंगामा भी हुए. विरोध भी हुआ,लेकिन इतना तो तय है कि प्रशांत किशोर की पहली सूची के बाद एनडीए और महागठबंधन पर उम्मीदवार चयन को लेकर दबाव बढ़ सकता है. जनसुराज की पहली सूची में पूर्व केंद्रीय मंत्री आरसी पी सिंह की बेटी को भी टिकट मिला है. तो कर्पूरी ठाकुर की पोती जागृति ठाकुर को भी टिकट दिया गया है. आरसीपी सिंह की बेटी को टिकट दिए जाने को परिवारवाद का नमूना लोग बता रहे हैं, हालांकि जनसुराज का अपना तर्क है. प्रशांत किशोर का कहना है की टिकट मेरिट के आधार पर दिया गया है. खैर, जो भी हो लेकिन सीटों का बंटवारा सुलझते ही एनडीए और महागठबंधन में नए ढंग से विचार मंथन शुरू होगा, इसमें कोई संदेह नहीं है.
रिपोर्ट-धनबाद ब्यूरो
