टीएनपी डेस्क (TNP DESK) : भारत में फर्जी कॉल करने वालों की संख्या काफी आधिक है. बात झारखंड की करे तो झारखंड का एक बड़ा हिस्सा ऐसा है जहां से साइबर क्राइम बढ़-चढ़ कर किया जाता है, दरअसल झारखंड का जामताड़ा साइबर क्राइम के मामले में देश दुनिया में मशहूर है. दिन-ब-दिन साइबर अपराधी अलग-अलग तरीक़े से ठगी करते है. साइबर अपराधी न्यूड वीडियो कॉलिंग, ऑनलाइन लिंक शेयर और सबसे अधिक फर्जी सिम का इस्तेमाल कर आम लोगों को भर्जी कॉल करते है और उन्हें अपनी ठगी का शिकार बनाते है. कई बार तो पुलिस इन्हें गिरफ्तार कर लेती है. लेकिन इसके बावजूद भी ये साइबर अपराधी एक से बढ़कर एक तक्निक शहारा लेकर घटना को अंजाम देते है. लेकिन अब इन फर्जी कॉल करने वालों पर टेलीकॉम कंपनियां बड़ी कार्रवाई करने की योजना बना रही है.
ट्राई ने टेलीकॉम कंपनियों को दिया निर्देश
बता दें कि हाल के दिनों में भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) की अध्यक्षता में सभी टेलीकॉम कंपनियों की एक बैठक हुई थी. जिसमें एयरटेल, बीएसएनएल, क्वाड्रेंट टेलीवेंचर्स लिमिटेड, रिलायंस जियो, टाटा टेलीसर्विसेज लिमिटेड, वोडाफोन आइडिया और वी-कॉन मोबाइल एंड इंफ्रा प्राइवेट लिमिटेड के मुख्य अधिकारियों ने हिस्सा लिया था. जिसमें ट्राई के चेयरमैन अनिल कुमाह लाहोटी ने सभी टेलीकॉम कंपनियों को कड़ा निर्देश दिया है.
ब्लैकलिस्ट होंगे फर्जी कॉल
इस बैठक में यह निर्णय लिया गया कि अगर किसी के द्वारा किसी भी व्यक्ति को फर्जी कॉल, वॉयस कॉल या फिर रोबो कॉल करने के लिए पीआरआई या एसआईपी कनेक्शन का इस्तेमाल किया जाता है. तो बिना किसी देरी के सख्त कार्रवाई करते हुए बंद कर दिया जाएगा. साथ ही नंबर को ब्लॉक लिस्ट में डाल दिया जाएगा. साथ ही उस नंबर को दो साल के लिए ब्लॉक कर दिया जाएगा.