धनबाद(DHANBAD): पशुपतिनाथ सिंह के बाद धनबाद में भाजपा किधर? यह सवाल सबको मथ रहा है. कार्यकर्ता भी गणित बैठा रहे हैं तो नेता भी हिसाब लगा रहे है. वैसे, आमतौर पर माना यही जा रहा है कि धनबाद लोकसभा सीट से अगर भाजपा जितती है तो पूरे जिले की भाजपा की चाबी सांसद के पास होगी और अगर ऐसा नहीं हुआ तो फिर भाजपा के अलग-अलग विधानसभाओं में अलग-अलग क्षत्रप तैयार होंगे. वैसे यह भी कहा जा रहा है कि भाजपा के जीत के बाद भी कई इलाकों में क्षत्रप तैयार होंगे और वह अपने ढंग की राजनीति करेंगे. वैसे 4 जून को परिणाम आने के बाद ही सब कुछ साफ होगा, लेकिन इतना तो तय है कि धनबाद जिले में अलग-अलग विधानसभा क्षेत्र में क्षत्रप तैयार होंगे. अभी तक धनबाद जिला के भाजपा में चाहे जितने भी गुट रहे हो, लेकिन सारे लोग धनसार पहुंचकर एकजुट और एकमत हो जाते थे. यह तो पशुपतिनाथ सिंह की राजनीतिक चतुराई थी लेकिन अब धीरे-धीरे टिकट कटने के बाद पशुपति बाबू भी भाजपा की राजनीति से दूर होते चले जाएंगे.
ऐसे में सबको एकजुट कर रखना बहुत आसान नहीं होगा. बाघमारा, झरिया, धनबाद, सिंदरी, निरसा और टुंडी में भाजपा को गोलबंद कर रखना एक चुनौती होगी. इस काम में पशुपति बाबू माहिर थे और हर एक विपरीत परिस्थितियों में भी वह सबको एकजुट कर लेते थे. यह अलग बात है कि लोकसभा चुनाव के ठीक पहले ग्रामीण और महानगर भाजपा के अध्यक्ष बदल गए थे. उसके पहले ज्ञानरंजन सिन्हा ग्रामीण भाजपा के अध्यक्ष थे तो चंद्रशेखर सिंह महानगर भाजपा के अध्यक्ष थे. चंद्रशेखर सिंह को पशुपतिनाथ सिंह का समर्थक बताया जाता रहा तो ज्ञान रंजन सिन्हा को प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी के समर्थक माने जाते थे. इनका कार्यकाल समाप्त होने के बाद नए अध्यक्षों की घोषणा हुई है. पशुपतिनाथ सिंह धनबाद में आजाद शत्रु की छवि पाने में कामयाब रहे. निरसा से अभी अपर्णा सेनगुप्ता विधायक हैं, तो सिंदरी से इंद्रजीत महतो विधायक हैं लेकिन लंबी बीमारी के कारण उनकी पत्नी सिंदरी विधानसभा क्षेत्र का काम देख रही है.
धनबाद में विधायक राज सिन्हा सक्रिय हैं, झरिया में भाजपा की राजनीति सिंह मेंशन की बहू रागिनी सिंह कर रही है. तो बाघमारा में ढुल्लू में विधायक हैं, जो फिलहाल धनबाद लोकसभा से भाजपा के टिकट पर चुनाव भी लड़ रहे है. टुंडी झारखंड मुक्ति मोर्चा के खाते में है. झारखंड में अभी बीजेपी विपक्ष में है, ऐसे में विपक्षियों का धर्म निभाने के लिए भी धनबाद भाजपा में एकजुटता जरूरी है. सारे लोगों को एकजुट रखना आजकल किसी भी दल या नेता के लिए चुनौती पूर्ण हो जाता है. अभी तो चुनाव के ठीक बीच में धनबाद के भाजपा विधायक राज सिन्हा सहित पांच मंडल अध्यक्षों को नोटिस जारी किया गया था. इसका रिएक्शन भी दिख रहा है. यह अलग बात है कि अधिकृत तौर पर कोई कुछ नहीं बोल रहा है, लेकिन जगह-जगह रिएक्शन सुनने और जानने को मिल जा रहे है. वैसे भी धनबाद में भाजपा हमेशा फ्रंट फुट पर खेली है. कार्यकर्ता उत्साहित रहते है. अब आगे की भाजपा धनबाद में कैसे काम करेगी, क्या करेगी ,यह देखने वाली बात होगी.
रिपोर्ट -धनबाद ब्यूरो