धनबाद(DHANBAD): 100 सालों से भी अधिक का इंतजार करते-करते झरिया की सुलगती भूमिगत आग अब धधक रही है. 1919 में झरिया के भौरा में भूमिगत आग का पता चला था. भूमिगत अब खतरनाक हो गई है. ऊपर से पोखरिया खदानों से आउटसोर्सिंग के जरिए हो रहे कोयला खनन भी झरिया के "जीवन" के अस्तित्व पर संकट खड़ा कर रहा है. यह बात सच है कि झरिया शहर के साथ "अत्याचार" किया गया है. अब भी किया जा रहा है. धनबाद में माफिया की जिसने भी ताकत और जलवा देखा या सुना होगा, झरिया के वर्तमान हालात को उसे जोड़कर जरूर देख रहे होंगे. झरिया का प्रदूषण अब खतरनाक रूप ले लिया है. झरिया क्षेत्र में बढ़ते प्रदूषण के खिलाफ 14 दिसंबर को "रन फॉर क्लीन एयर" कार्यक्रम प्रस्तावित है. इस कार्यक्रम में सभी तबके के लोग हिस्सा ले रहे है. सांसद ,विधायकों से भी शामिल होने की अपील की गई है.
दिव्यांगजनों ने मोटराइज्ड ट्राई साइकिल से जागरूकता रैली निकाली
"रन फॉर क्लीन एयर" और आंदोलन के समर्थन में रविवार को झरिया के दिव्यांगजनों ने मोटराइज्ड ट्राई साइकिल से जागरूकता रैली निकाली . यह रैली अपने आप में बहुत कुछ कह रही थी. रैली राज ग्राउंड से निकली, राजा तालाब, लाल बाजार होते हुए चिल्ड्रन पार्क पहुंची. ग्रीन लाइफ के संयोजक डॉक्टर मनोज सिंह और यूथ कॉन्सेप्ट के संयोजक अखलाक अहमद ने कहा कि झरिया में वायु प्रदूषण के खिलाफ लड़ाई में दिव्यांगजनों के उतरने से ही समस्या की गंभीरता का अंदाजा लगाया जा सकता है. झरिया का प्रदूषण अब जानलेवा हो गया है. अ जन्मे बच्चों पर भी इसका प्रभाव पड़ रहा है. झरिया शहर की हड्डियां अब "बूढी" हो गई है, फिर भी अभी शहर में दम है. इस शहर की विशेषता है कि यहां से हटना कोई नहीं चाहता. वजह बताया जाता है कि यह "लक्ष्मी" उगलनेवाली धरती है. यह शहर कितने को जमीन से उठाकर आसमान तक पहुंचा दिया, लेकिन आसमान में पहुंचे लोग इसकी परवाह कभी नहीं की.
झरिया का आज टुकड़ों -टुकड़ों में हो रहा कत्ल
नतीजा है कि शहर का आज टुकड़ो टुकड़ो में क़त्ल हो रहा है. लोग प्रदूषण की चपेट में आकर असमय ही काल के गाल में समा रहे है. कोयला उद्योग के राष्ट्रीयकरण के पहले तो निजी कोयला मालिक जैसे- तैसे कोयले का खनन किए, लेकिन राष्ट्रीयकरण के बाद भी कोयला खदानों की सही देखभाल नहीं हुई. धनबाद कोयलांचल के कई माफिया स्वर्ग सिधार गए, उनके "यूथ विंग" आज हैं लेकिन शायद वह भी यह सब देख कर हैरत में पड़ते होंगे. धनबाद कोयलांचल में जब बिहार के मुख्यमंत्री पंडित बिंदेश्वरी दुबे हुआ करते थे और धनबाद के उपायुक्त मदन मोहन झा थे ,तो देश का एक बहुत बड़ा घोटाला सामने आया था और यह घोटाला था बालू घोटाला.झरिया इसके केंद्र में थी.
रिपोर्ट -धनबाद ब्यूरो