दुमका(DUMKA): भारत एक ऐसा देश जहां नारी को देवी के रूप में पूजा जाता है. किसी के घर जब बालिका जन्म लेती है तो लोग यही कहते है कि लक्ष्मी आयी है. माता पिता बड़े अरमान से बेटी का लालन पालन करते हैं. तमन्ना यही होती है कि बेटी जब बड़ी हो जाए तो शहनाई की धुन पर कन्यादान करें. लेकिन जरा सोचिए उस माता पिता पर क्या गुजरी होगी जब झाड़ियों से बेटी का शव उस दिन बरामद हुआ जिस दिन दरवाजे पर बारात आने वाली हो. दुमका जिला के तालझारी थाना क्षेत्र से एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है. बरमासा गांव के समीप झाड़ियों से जीर्णशीर्ण अवस्था मे एक लड़की का शव बरामद किया गया है. आशंका जताई जा रही है कि जीते जी दरिंदों ने उसे नोचा तो मरने के बाद जंगली जानवरों ने.
दरअसल बरमासा गांव निवासी सुरेंद्र राणा की पुत्री जानकी कुमारी 25 अप्रैल को शौच के लिए घर से निकली थी. काफी देर तक वापस नहीं लौटने पर परिजनों ने खोजबीन शुरू की. लेकिन जब कुछ भी पता नहीं चला तो अंत में 26 अप्रैल को थाना में लिखित शिकायत की. जरमुंडी एसडीपीओ संतोष कुमार ने बताया कि परिजनों की शिकायत पर अपहरण की प्राथमिकी दर्ज कर पुलिस जांच में जुटी थी कि 29 अप्रैल को गांव के समीप झाड़ियों से लड़की का जीर्ण शीर्ण अवस्था मे शव बरामद किया गया. उन्होंने कहा कि पुलिस तमाम बिंदुओं पर अनुसंधान में जुट गई है.
दुष्कर्म के बाद हत्या की आशंका
लड़की का शव मिलने से सनसनी फैल गयी. घटना स्थल पर भीड़ इकठ्ठा हो गयी.परिजनों के साथ साथ ग्रामीणों ने दुष्कर्म के बाद हत्या की आशंका जताई है. आशंका यह भी है कि साक्ष्य छुपाने के लिए शव के ऊपर कैमिकल डाला गया हो. तभी तो महज 5 दिनों में ही कंकाल रूप में शव बरामद हुआ. इनर वियर से शव की पहचान हो पाई. परिजनों ने हत्यारों की गिरफ्तारी के साथ कड़ी सजा दिलाने की मांग की है.
घर में खुशियों की जगह पसरा मातम
लड़की की शादी तय हो चुकी थी. घर वाले बड़े अरमान से शादी की तैयारी में जुटे थे. 25 अप्रैल को जिस दिन लड़की लापता हुई उस दिन भी लड़की के पिता लड़की के होने वाले ससुराल गए थे. बताया जा रहा है कि 29 अप्रैल को लड़के वाले बारात लेकर लड़की वाले के दरवाजे पर पहुचने वाले थे. लेकिन नियति को कुछ और ही मंजूर था. शादी के दिन लड़की का शव झाड़ियों में मिला. अपनी बेटी के हाथ पीला करने का पिता का अरमान पूरा नहीं हो पाया. इस जघन्य हत्या की जितनी भी निंदा की जाए कम है. अब चुनौती पुलिस के समक्ष है कि कितनी जल्दी हत्या कांड का उद्भेदन करते हुए हत्यारों को सलाखों के पीछे पहुचाती है.
रिपोर्ट: पंचम झा