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नाम बड़े और दर्शन छोटे : एक अदद मनोरोग चिकित्सक के लिए तरस रहा है उपराजधानी दुमका, डेढ़ वर्ष से विशेषज्ञ चिकित्सक का पद खाली

नाम बड़े और दर्शन छोटे : एक अदद मनोरोग चिकित्सक के लिए तरस रहा है उपराजधानी दुमका, डेढ़ वर्ष से विशेषज्ञ चिकित्सक का पद खाली

दुमका(DUMKA): दुमका को झारखंड की उपराजधानी का तगमा भले ही दे दिया गया हो लेकिन यह जिला आज भी स्वास्थ्य सेवा के मामले में पिछड़ा हुआ है. यह हाल तब है जब यहां फूलो झानो मेडिकल कॉलेज अस्पताल संचालित है और स्वास्थ्य मंत्री डॉ इरफान अंसारी भी संताल परगना प्रमंडल के जामताड़ा विधान सभा क्षेत्र से विधायक बनकर मंत्री बने है. हम क्यों दुमका को स्वास्थ्य सेवा में पिछड़ा कह रहे हैं जान लीजिए

मेडिकल कॉलेज चालू होने से खुला मानसिक स्वास्थ्य केंद्र, डेढ़ वर्ष से विशेषज्ञ चिकित्सक का पद रिक्त

इंसान के मानसिक रूप से बीमार होने की बात कोई नई नहीं. समय के साथ इस भाग दौड़ भरी जीवन मानसिक रोगियों की संख्या में अप्रत्याशित वृद्धि हुई है. शुरुआती दौर में दुमका के मानसिक रोगी को परिजन कांके ले जाकर इलाज कराते थे. कांके ले जाने में रोगी और उनके परिजन दोनों को परेशानी होती थी. समय के साथ दुमका में जब मेडिकल कॉलेज अस्पताल खुला तो यहां के पुराना सदर अस्पताल परिसर में जिला मानसिक स्वास्थ्य केंद्र खोला गया. डॉक्टर की प्रतिनियुक्ति हुई तो मानसिक रोगी और उनके परिजन को काफी सुविधा होने लगी. लेकिन विगत डेढ़ वर्षों से अस्पताल में मनोरोग विशेषज्ञ चिकित्सक नहीं है, जिससे वैसे लोगों को फिर से परेशानी होने लगी जो यहां नियमित रूप से इलाज कराने आते थे.

वृद्ध दंपत्ति की परेशानी तो महज एक बानगी है

इस वृद्ध दंपत्ति की व्यथा सुनिए. शहर के रखाबनी मोहल्ला निवासी जयदेव चक्रवर्ती अपनी पत्नी के साथ जिला मानसिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचे है. जयदेव मानसिक रूप से बीमार है. पूर्व से यहां इनका इलाज चल रहा है, लेकिन जब इस बार पहुंचे तो इन्हें बताया गया कि डॉक्टर नहीं है. यह सुनकर इन्हें निराशा हाथ लगी. दंपत्ति की दो बेटियां ससुराल में है. वृद्धावस्था में पत्नी अपने मानसिक रूप से बीमार पति को लेकर कहां जाए. काफी आरजू मिन्नत करने के बाद केंद्र के साइकेट्रिक सोशल वर्कर मरीज के चिकित्सीय रिकॉर्ड के आधार पर दावा लिखने को राजी हुए.

संताल परगना प्रमंडल ही नहीं सीमावर्ती बिहार और बंगाल से भी आते है मनोरोगी

साइकेट्रिक सोशल वर्कर जुल्फिकार अली भुट्टो कहते है कि केंद्र में जनवरी 2024 के बाद से मनोरोग विशेषज्ञ चिकित्सक का पद रिक्त है. यहां दुमका और संथाल परगना प्रमंडल ही नहीं बल्कि सीमावर्ती बिहार और बंगाल से भी मरीज आते है. औसतन प्रतिदिन 10 से 12 पुराने मरीज आते है जबकि महीने में 12 से 15 नए मरीज पहुंचते है जिन्हें काउंसिलिंग के बाद रेफर कर दिया जाता है क्योंकि ये दावा लिखने के लिए अधिकृत नहीं है. इनका कहना है कि मेडिकल कॉलेज अस्पताल आने वाले वैसे मरीज जो आत्महत्या का प्रयास किया है उसका काउंसिलिंग आयश्यक है, लेकिन कहने के बाबजूद मेडिकल कॉलेज अस्पताल से वैसे मरीज को मानसिक स्वास्थ्य केंद्र नहीं भेजा जाता है. जुल्फिकार अली कहते है कि मेडिकल कॉलेज अस्पताल में डॉ मरीज का शारीरिक रूप से इलाज कर सकते है मानसिक रूप से इलाज नहीं कर सकते. इनका दावा है कि काउंसलिंग के दौरान मरीज को मानसिक रूप से इतना मजबूत बना दिया जाता है कि वे भविष्य में आत्महत्या के लिए सोच भी नहीं सकते.

PHMCH अधीक्षक ने कहा विभाग से किया गया है पत्राचार

इस बाबत जब फूल झानो मेडिकल कॉलेज के अधीक्षक डॉ ए के चौधरी से पूछा गया तो उन्हें यह भी पता नहीं कि मानसिक चिकित्सा केंद्र में कब से विशेषज्ञ चिकित्सक नहीं है. उन्होंने इतना जरूर कहा कि उनके योगदान के पहले से ही विशेषज्ञ डॉक्टर नहीं है. आत्महत्या का प्रयास करने वाले मरीज को काउंसलिंग के लिए मानसिक स्वास्थ्य केंद्र नहीं भेजे जाने के सवाल पर भी उन्होंने अनभिज्ञता जाहिर की.

प्रमंडल के 18 में से 17 सीट पर सत्ता पक्ष का कब्जा फिर भी उपेक्षित है उपराजधानी

स्वास्थ्य के क्षेत्र में दुमका भले ही पिछड़ा हो लेकिन राजनीतिक रूप से काफी मजबूत माना जाता है. पक्ष और विपक्ष सभी की नजर दुमका और संथाल परगना प्रमंडल पर है. गत विधान सभा चुनाव में प्रमंडल के 18 में से 17 सीट पर इंडिया गठबंधन का कब्जा रहा, भाजपा को एक सीट से ही संतोष करना पड़ा. सीएम हेमंत सोरेन, विधान सभा अध्यक्ष रविंद्र नाथ महतो, मंत्री दीपिका पांडे सिंह, मंत्री संजय प्रसाद यादव और मंत्री डॉ इरफान अंसारी संताल परगना प्रमंडल से ही चुनाव जीत कर विधान सभा पहुंचे है. डॉ इरफान अंसारी डॉ होने के साथ साथ स्वास्थ्य मंत्री भी है. प्रमंडल से पुराना नाता रहा है. लंबे चौड़े दावे और वादे के लिए वह जाने जाते है, इसके बाबजूद उपराजधानी दुमका में एक मनोरोग विशेषज्ञ चिकित्सक का नहीं होना शर्म की बात है. तमाम जनप्रतिनिधियों को जनहित के मुद्दे पर गंभीरता से विचार करने की आवश्यकता है.

Published at:17 Jul 2025 06:37 AM (IST)
Tags:Jharkhand news Dumka news Dumka Health minister jharkhand Dumka health facility Phool Jhano Medical College dumkaHealth facility in dumka
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