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मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के गढ़ में केंद्र सरकार के ड्रीम प्रोजेक्ट में बड़ी सेंधमारी, शौचालय निर्माण में गड़बड़झाला, जानिए क्या लगा है आरोप 

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के गढ़ में केंद्र सरकार के ड्रीम प्रोजेक्ट में बड़ी सेंधमारी, शौचालय निर्माण में गड़बड़झाला, जानिए क्या लगा है आरोप 

साहिबगंज(SAHIBGANJ): सूबे के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के गृह विधानसभा क्षेत्र में आने वाले साहिबगंज जिले में भारत सरकार के ड्रीम प्रोजेक्ट स्वच्छ भारत मिशन की धज्जियां संबंधित विभागीय अधिकारियों के मिलीभगत से खुलेआम उड़ाई गई है. ताजा मामला जिले के बोरियो प्रखंड अंतर्गत बड़ा मदनशाही पंचायत से सामने आया है. मामले को लेकर वार्ड सदस्य 06 महताब आलम ने लिखित शिकायत जिले के उपविकास आयुक्त को करते हुए इसकी प्रतिलिपि जिले के उपायुक्त, राज्य के ग्रामीण विकास मंत्री,नेता प्रतिपक्ष अमर बावरी एवं केंद्रीय जल संसाधन मंत्री को किया है.

जांच के लिए दो सदस्यीय  टीम गठित की गई लेकिन आयोग को नहीं मिला कोई रिपोर्ट

मिली शिकायत के आलोक में जिले के उपविकास आयुक्त सतीश चंद्रा ने मामले में जांच के लिए दो सदस्यीय जांच टीम गठित की है. टीम में साहिबगंज एसडीओ अंगारनाथ स्वर्णकार और एनआरईपी के कार्यपालक अभियंता देविलाल हांसदा को रखा गया है. हालांकि उप विकास आयुक्त में मामले में जांच के आदेश 28 दिसंबर 2024 को देते हुए 7 दिनों के भीतर इसकी जांच रिपोर्ट समर्पित करने का आदेश दिया था. लेकिन समय सीमा समाप्त होने के एक माह बाद भी ना तो मामले की स्थलीय जांच की गई है और ना ही कोई जांच रिपोर्ट उपविकास आयोग को सौंप गई है.

ग्रामीण विकास मंत्री को लिखित शिकायत पर अधिकारियों में खलबली

बड़ा मदनशाही के वार्ड 6 के सदस्य महताब आलम ने आरोप लगाते हुए कहा है कि वित्तीय वर्ष 2023- 24 के लिए इस पंचायत में एनओएलबी के तहत कुल 227 शौचालय के निर्माण के लिए जेएसएल पीएस खाते में राशि भेजी गई. उक्त राशि से शौचालय निर्माण कराया जाने के बजाय 5 से 10 वर्ष पूर्व एसबीएम के तहत या फिर स्वयं से बनाए गए शौचालय एवं निजी सेप्टिक शौचालय टैंक को ही पेंट कर अनियमित तरीके से विभिन्न लोगों के नाम से जियो टैग करते हुए 227 शौचायलयों का उपयोग प्रमाण पत्र बना दिया गया और इन 227 शौचालयों के निर्माण‌ मद की 27,24,000 रुपए की राशि का बंदरबांट कतिपय विभागीय पदाधिकारियों, लाभुकों और पंचायत के प्रतिनिधियों के द्वारा कर लिया गया. 

आखिर कैसे हुआ जिला प्रशासन के नाक नीचे इतना बड़ा घोटाला

भारत को स्वच्छ और खुले में शौच से मुक्त बनाने के उद्देश्य से स्वच्छ भारत मिशन योजना की शुरुआत  की गई थी. इस योजना के अंतर्गत, ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में शौचालय निर्माण के लिए उन परिवारों को 12 हजार रुपये की आर्थिक सहायता दिया जाता है. जिनके पास शौचालय नहीं है और वे इसे बनाने में असमर्थ हैं,लेकिन बड़ा मदनशाही पंचायत में शौचालयों के निर्माण में प्रावधान को ठेंगा दिखा ते हुए ठेकेदारों,बड़े दवा दुकानदारों, सीएसपी संचालकों, क्रशर मालिकों समेत अन्य कई ओहदेदारों के नाम जियो टैग करते हुए योजना मद की राशि का बंदरबांट‌ की. जिनका पहले से बड़ा-बड़ा पक्का का मकान बना हुआ था,इतना ही नहीं इस योजना के संचालित करने को ले विभाग से जुड़े कर्मियों और पंचायत प्रतिनिधियों के एक ही परिवार में कई शौचालय मद की राशि का आवंटन जियो टैग में दिखाया गया है. एक ही परिवार में पति, सास और गोतनी तक को शौचालय मद की राशि आवंटित की गई है. एक ही शौचालय का अलग-अलग फोटो सबमिट करते हुए अलग-अलग व्यक्तियों के नाम से जियो टैग कर दिया गया है छोटे-छोटे लड़के- लड़कियों के नाम से भी शौचालय का जियो टैग किया गया है. पुराना बने शौचालय का ही बिफोर और आफ्टर में फोटो लगाकर जिओ टैग किया गया है. जियो टैग के लिए गए कई फोटो की तिथि 20 नवंबर 2022, 21 नवंबर 2022 के अलावे अलग-अलग तिथियां दर्ज है, जबकि इसी योजना को करने के लिए ग्राम सभा की तिथि 21 जनवरी 2023 दिखाई जा रही है. इससे साफ है कि योजना में किस प्रकार का गड़बड़ झाला की गई है,वैसे चर्चा है कि एसबीएम बड़ा मदन शाही पंचायत का माम ला महज एक बानगी है इसकी विस्तृत जांच हुई तो पूरे जिले में चौकाने वाले घोटाले सामने आ सकते हैं. वहीं इस संदर्भ में जानकारी के लिए पंचायत के उप मुखिया को कई बार कॉल किया गया लेकिन उन्होंने कॉल रिसीव नहीं किया है.

मामले का खुलासे के बाद क्या कहते हैं उप विकास आयुक्त

उप विकास आयुक्त सतीश चंद्रा ने कहा कि मामले की जांच के लिए दो सदस्यीय कमेटी गठित की गई है. 7 दिनों के भीतर जांच रिपोर्ट मांगी गई थी. जांच रिपोर्ट अबतक आप्राप्त है,जांच रिपोर्ट के लिए कमेटी को  पुण: स्मारपत्र भेजी जा रही है. जांच रिपोर्ट आने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी.

क्या कहते हैं कार्यपालक अभियंता

पेयजल एवं स्वच्छता विभाग के कार्यपालक अभियंता शशि शेखर सिंह ने कहा कि डीसीसी के‌ स्तर से दो सदस्यीय जांच टीम गठित की गई है.जांच रिपोर्ट में यदि गड़बड़ी पाई गई तो मुखिया से राशि वसूलने समेत अन्य कार्रवाई की जाएगी.

रिपोर्ट: गोविंद ठाकुर 

Published at:04 Feb 2025 10:49 AM (IST)
Tags:Jharkhand news Sahibganj news Central government Dream Project Swachh Bharat MissionSahibganj dcirregularities in construction of toiletsHemant soren Central government project
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