रांची(RANCHI): आजादी के 75 साल बीत जाने के बाद मुसलमनों को कोई उनकी आवाज उठाने वाला नेता नहीं मिला है.शुरू से ही मुसलमान वोटरों पर एक पार्टी की नजर होती है. सभी चुनाव में लोक लुभावने वादों की फेहरिस्त लेकर नेता पहुंचते है. लेकिन ठीक लोकसभा और विधानसभा चुनाव से पहले अब मुसलमान गोलबंद होने लगे है. अपने बदहाली पर हुक्मरानों से सवाल पूछ रहे है. इससे साफ है कि चुनाव में यह तबका चुनावी समीकरण को बिगाड़ सकता है. बुधवार को एदारा ए शरिया जागृति आंदोलन एवं समाज सुधार सम्मेलन का आयोजन डाल्टनगंज के राहत नगर स्थित ईदगाह मैदान में किया गया. इस सम्मेलन में बड़ी संख्या में मुस्लिम समाज के विद्वान, इमाम, मस्जिद के संरक्षक, मदरस के जिम्मेदार, समुदाय के विशिष्ट व्यक्तियो और संगठनों के प्रमुख शामिल हुए.सम्मेलन के बाद उपायुक्त के जरिय मुख्यमंत्री को ज्ञापन दिया है.
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इस सम्मेलन में शामिल पूर्व राज्यसभा सदस्य मौलाना गुलाम रसूल बलियावी ने कहा कि इस सम्मेलन के जरिय मुसलमानों को अपने पैगंबर के बताए रास्ते पर चलने की अपील की गई है.साथ ही जहेज जैसी कुरुतीयों को खत्म करने पर जोर दिया जा रहा है.उन्होंने कहा कि देश में मुसलमानों से कुछ लोग नफरत कर रहे है,बिना किसी सबूत के किसी भी दाढ़ी और टोपी वाले को मार दे रहे है. सरकार और प्रशासन चुप्पी साध कर बैठी है. सेक्यलर कहने वाली पार्टी झारखंड की सत्ता में है लेकिन 50 से अधिक मॉब लिन्चिंग की गई है.लेकिन सरकार ने कुछ नहीं किया.
इसके अलावा जिस तरह से दलित हरिजन को लेकर एक कानून है जिससे अब कोई उन्हे अछूता नहीं मानता उन्हे एक सम्मान मिला है. इसी तरह मुस्लिम सेफ़्टी एक्ट बनाने की मांग है. जिससे आने वाले दिनों इस तरह से घटना को अंजाम देने वाले हजार बार सोचे.सरकार ने अब तक मुसलमानों को इस्तेमाल किया है. लेकिन अपने हक और अधिकार के लिए लड़ाई लड़ेंगे .एदार ए शरिया इस लड़ाई को अंतिम छोर तक लेकर जाएगी. मुसलमान भी देश में शान से रहे इसका अधिकार संविधान ने दिया है.