रांची(RANCHI): भाजपा से टूट का सिलसिला जारी है. टिकट न मिलने से नाराज नेता अब पाला बदल रहे हैं. पहले केदार हाजरा, उमाकांत रजक अब डॉक्टर लुईस मरांडी कुणाल सारंगी,गणेश महली समेत कई नेता झारखंड मुक्ति मोर्चा में शामिल हो गए. भाजपा से इस्तीफा दे दिया सभी का झारखंड मुक्ति मोर्चा में स्वागत मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने पार्टी का पट्टा पहनाकर किया है.
सूत्रों की की मानें तो सभी नेता टिकट कटने से नाराज थे. डॉक्टर लुईस मरांडी संथाल परगना में एक बड़ी महिला आदिवासी नेत्री है. रघुवर दास सरकार में मंत्री रह चुकी है, दुमका से चुनाव लड़ती है. लेकिन जिस तरह से उनका टिकट कटा है उसे नाराज हुई और कुछ घंटे पहले ही भाजपा से इस्तीफा दिया था. इसके बाद चर्चा थी कि वह झारखंड मुक्ति मोर्चा का दामन थामेंगी और ठीक रात 9:00 बजे मुख्यमंत्री आवास पहुंच गई. हेमंत सोरेन से मुलाकात के बाद झारखंड मुक्ति मोर्चा में शामिल हो गयी. अब उन्हें JMM जामा से विधानसभा चुनाव के अखाड़े में उतर सकती है.
इसके अलावा कुणाल षाड़ंगी बहरागोड़ा से विधायक रह चुके हैं. पूर्व में झारखंड मुक्ति मोर्चा में ही थे, लेकिन बीच में भाजपा में शामिल हुए और चुनाव में हार का सामना करना पड़ा. इसके बाद भाजपा ने 2024 के चुनाव में टिकट नहीं दिया इसके बाद पार्टी से नाराज होकर झारखंड मुक्ति मोर्चा में घर वापसी कर लिया है. कुणाल षाड़ंगी का अपना पकड़ उनके इलाके में है और हेमंत सोरेन के भी बेहद करीबी मने जाते हैं, लेकिन बीच में कुछ ऐसी स्थिति हुई की JMM से बागी हो गए थे. लेकिन अब चुनाव से पहले जेएमएम में वापसी हुई है. संभवत पार्टी पर फिर से भरोसा दिखाएंगे और बहरागोड़ा से उम्मीदवार बना सकती है.
अब गणेश महली की बात कर लेलें तो कि चंपई सोरेन के सामने भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ते थे लेकिन इस बार स्थिति कुछ और दिखेगी. इस सीट पर गणेश को झामुमो टिकट देकर उम्मीदवार बनाएगी और चंपई सोरेन के सीट पर ही खड़ा करेगी. देखें तो भाजपा में रहते हुए गणेश ने काफी बेहतर प्रदर्शन किया था. चंपई सोरेन सोरेन के हाथों महज 7000 वोट से हार का सामना करना पड़ा था, अब झामुमो के टिकट पर चुनाव लड़ सकते हैं