रांची : शहर के नामी सुपरस्पेशलिटी अस्पताल PARAS HEC को बड़ा झटका लगा है. यहां के पांच नामी डॉक्टरों खास कर अस्पताल के निदेशक और न्यूरो साइंस के हेड डॉ संजय , सीनियर न्यूरो सर्जन डॉ पैट्रिक मिंज , सर्जरी विभाग के हेड डॉ मेजर रमेश दास और डॉ ओमप्रकाश ने एक साथ अस्पताल को अलविदा कह दिया है , सूत्रों के मुताबिक ये तमाम डॉक्टर पारस प्रबंधन से खासे नाराज चल रहे थे. वजह थी मनमाने तरीके से इलाज के खर्च में लगातार किए जा रहे बढ़ोतरी, वहीं खराब नर्सिंग और चिकित्सीय व्यवस्था जिसको लेकर चिकित्सक बार-बार प्रबंधन से शिकायत कर रहे थे लेकिन इस ओर परवाह किए बैगर अस्पताल प्रबंधन मनमानी किए जा रहा था. जिससे आजिज होकर इन चिकित्सको ने आज बड़ा निर्णय लेते हुए अस्पताल को अलविदा कह दिया है. अब ये डॉक्टर कहां जाएंगे ये अभी स्पष्ट नहीं है. लेकिन अस्पताल के लिए डॉक्टरों का यह निर्णय मुश्किल में डाल सकता है.
हम बात दे कि पारस पिछले कई वर्षों से रांची के HEC अस्पताल के साथ जुड़ कर शहर में अपनी सेवा दे रहा था. लेकिन शायद ही लोग इस अस्पताल को जान सके थे लेकिन कोरोना के बाद डॉक्टर संजय के नेतृत्व में एक दर्जन डॉक्टरों ने पारस अस्पताल को जॉइन किया था. उसके बाद अस्पताल हर दिन उन्नत इलाज और गुणवत्तापूर्ण सेवाओ के बल पर एक बेहतरीन अस्पताल के तौर पर स्थापित होता जा रहा था. मरीजों की बढ़ती संख्या इसका प्रमाण है. लेकिन जिस तरह से और जिस वजह से डॉक्टरो ने अस्पताल का साथ छोड़ा है जाहिर है ये अस्पताल के लिए बुरी खबर है और डॉक्टरों की छोड़ने की खबर अगर वाकई में सच है तो मरीजों के लिए भी ये समाचार परेशान करने वाली होगी क्योंकि आज शहर में समुचित और किफायती इलाज करने वाले अस्पतालों और डॉक्टरों की भारी कमी है.
बता दें कि भारत के सबसे बड़े हेल्थकेयर प्रोवाइडर्स में से एक पारस हेल्थकेयर ने लोगों को किफायती स्वास्थ्य सुविधा प्रदान करने की दिशा में झारखंड की राजधानी रांची में शहर के सबसे बड़े मल्टी-स्पेशलिटी अस्पताल का सौगात दिया था. यह अस्पताल, अक्टूबर 2019 में बेसिक स्पेशलिटीज के साथ शुरू हुआ था, लेकिन पिछले कुछ समय से पारस अस्पताल को लेकर कई तरह की खबरें आ रही थीं. जो अस्पताल लोगों को किफायती स्वास्थ्य सुविधाएं देने की बात कहता था. अब वहीं इलाज के नाम पर मरीजों को लूटा जा रहा है. कभी मरीज इलाज में लापरवाही का आरोप लगा हैं तो कभी पैसे ऐंठने के लिए मरीज को अस्पताल में फसा कर रखने की बात कही जा रही थी. वहीं अस्पताल प्रबंधक मनमाने तरीके से इलाज के खर्ज में भी बढ़ोतरी कर रहा है. और भी कई तरह की समस्याएं आए दिन देखने को मिलती हैं. जिससे अस्पताल के कुछ डॉक्टर काफी नाराज चल रहे थे. लेकिन जब अस्पताल प्रबंधक ने इन डॉक्टरों की नहीं सुनी तो थक हारकर डॉक्टरों ने रिजाइन कर दिया.