टीएनपी डेस्क (Tnp desk):- बरियातु की भुईहरी जमीन के चलते हेमंत सोरेन को क्या-क्या फजीहत और तोहमते नहीं झेल रहे हैं. इसी जमीन के चलते ही उनकी सीएम की कुर्सी चली गई. इसी के चलते अभी जेल में रहकर बेगुनाही का सबूत दे रहे हैं. अभी भी न जाने कितने इम्तहान इसी जमीन के चलते देने पड़ेगे. और न जाने क्या-क्या होने वाला है.
भानु ने क्या उगले राज !
अब इस जमीन घोटाले में नया मोड़ ये आया है कि ईडी के अफसर बड़गाई अंचल के तत्कालीन राजस्व उप निरीक्षक भानु प्रताप प्रसाद को बरियातू के उसी भूखंड पर ले गयी, जिस पर घोटला हुआ है. ये वही भानू प्रताप है जिन्होंने हेमंत के बारे में यानि बॉस बोला था. इसके पास मिले साक्ष्य में हेमंत का नाम आया था. इसके बाद ही ईडी रेस हो गयी थी.
भानु तो पहले ही बैकफुट पर ईडी की पूछताछ के दौरान आ गये थे . अब उन्होंने जांच एजेंसी के समक्ष कई चिजे भी स्वीकार कर ली है. भानू ने स्वीकार किया है कि इस जमीन की मापी अमीन शशिंदर महतो के माध्यम से कराई गई थी . भानु ने बताया कि उसे कहा गया था कि ‘बॉस’ की जमीन की मापी करनी है. इस जमीन के कुल 12 प्लॉट में बंटी है. कौन सा प्लॉट किसने नाम पर है, इसकी जानकारी भी उसने ईडी को दी.
ईडी ने की जमीन के दस्तावेज की जांच
ईडी की टीम ने भानु को साथ लेकर बड़गाई अंचल स्थित ऑफिस पहुंची और उस जमीन से संबंधित कई दस्तावेज की जांच की. उस जमीन पर रहने वाले केयर टेकर से भी ईडी ने पूछताछ की . उससे ये पूछा गया कि उक्त जमीन किसकी है और जमीन पर कौन-कौन लोग आते रहें हैं.
बरियातू स्थित 8.5 एकड़ जमीन के सत्यापन के बाद जांच एजेंसी ने संबंधित डीड व कई दस्तावेज की भी जांच की और सही गलत का पता लगाया. ईडी ने अंचल अधिकारी मनोज कुमार के समक्ष ही कई सवाल-जवाब भानुप्रताप से किए. ईडी की टीम उक्त जमीन की पंजी टू को भानु प्रताप के आवास से पिछले साल छापेमारी के दौरान जब्त की थी. भानु के घर से प्रवर्तन निदेशालय को 11 ट्रंक दस्तावेज मिले थे. इनमें 17 मूल रजिस्टर भी शामिल थे.हालांकि पूर्व में भानु प्रताप प्रसाद और मनोज कुमार ने ईडी को पूछताछ में बताया था कि उन लोगों ने हेमंत सोरेन के प्रेस सलाहकार रहे अभिषेक प्रसाद उर्फ पिंटू के निजी सचिव उदय शंकर के कहने पर उक्त जमीन की पहले मापी कराई थी. फिर उक्त जमीन का विस्तृत विवरण तैयार किया.
क्या हेमंत की बढ़ेगी मुश्किलें !
बरियातू की इस जमीन की पड़ताल काफी तेज ईडी कर रही है. लगातार पूर्व सीएम हेमंत सोरेन से पूछताछ भी चल रही है. अभी भी रिमांड चल ही रही है. आपको बता दे इस जमीन को लेकर ही 5 फरवरी को झारखंड विधानसभा में हुए फ्लोर टेस्ट में हेमंत ने अपने संबोधन में हुंकार भरी थी. उन्होंने चुनौती देते हुए बोला था कि अगर उन पर लगे आरोप साबित हो जाते हैं. तो फिर राजनीति से ही संन्यास लेंगे . इतना ही नहीं हेमंत ने झारखंड छोड़ देने की भी बात बोली थी.