टीएनपी डेस्क(Tnp desk):-नये साल के आगमन को लेकर तरह-तरह की तैयारियां दिसंबर महीने से ही शुरु हो जाती है. पिकनिक, जश्न, नाइट पार्टी का सिलसिला भी जोर-शोर से देखने को मिलता है. हालांकि, इस दौरान शराब औऱ नशे में युवा झुमते हुए भी नजर आते हैं. ड्रंक ड्राइविंग के चलते सड़के हादसे भी खूब देखने को मिलते हैं. लिहाजा, लोगों को जश्न के दौरान होश नहीं खोने की सलाह दी जाती है.
राजधानी रांची में विशेष इंतजाम
नये साल में सडक हादसे शराब पीकर गाड़ी चलाने के दौरान खूब देखने को मिलते हैं. ऐसे हालत से निपटने के लिए राजधानी रांची की ट्रैफिक पुलिस 22 दिसंबर से ही ऐसे करने वाले हुड़दंगियों पर सख्त कार्रवाई करेगी. सड़क हादसे पर रोक लगाने के लिए रांची ट्रैफिक पुलिस की ओर से सभी पिकनिक स्पॉट के साथ-साथ जश्न वाले इलाके में ड्रंक ड्राइव चलाने का निर्देश जारी किया गया है. बताया गया कि पिकनिक स्पॉट के साथ ही चेकपोस्ट बनाया जाएगा, जहां ब्रेथ एनालाइजर के साथ जांच की जाएगी. पुलिस अपना ये अभियान दिसंबर से फरवरी महीने तक चलायेगी. ट्रैफिक पुलिस 22 दिसंबर से 15 फरवरी तक ब्रेथ एनालाइजर के साथ तैनात रहेंगे.
इस साल जनवरी में 41 की हुई थी मौत
जनवरी में नये साल के जश्न में 41 लागों की जान सड़क हादसे में चली गई थी. जबकि, 35 लोग बुरी तरह से जख्मी हुए थे. सोचिए क्या खुमार और नशा युवाओं के मन में छाया रहता है. अपनी जान की परवाह नहीं करते हैं और ड्रंक ड्राइविंग से अपनी जान गंवा देते हैं. नये साल का खुमार फरवरी में तो थोड़ा कम होता है. लेकिन, सुरुर तो कुछ हद तक रहता ही है. इस साल फरवरी में 38 लोग काल के गाल में समा गये थे. आंक़ड़े जो कहानी बंया करते हैं. उसमे मरने वाले 18 से 30 साल के युवा है. यानि जिन्होंने अभी जिदगी का तजुर्बा बटोरना ही शुरु किया है. वो वक्त से पहले काल के गाल में समा गये. सडक हादसे की प्रमुख वजह बिना हेलमेट, तेज रफ्तार, शराब और हेडफोन का इस्तेमाल प्रमुख वजहों में एक था.