धनबाद (DHANBAD) : बंगाल में अभी फिल्म बाकी है, लेकिन शूटिंग मात्र से ही राजनीतिक पारा सातवें आसमान पर पहुंच गया है. ममता बनर्जी के निलंबित विधायक हिमायूं कबीर पूरी फिल्म के "हीरो" बन गए है. 6 दिसंबर को हिमायूं कबीर द्वारा मुर्शिदाबाद जिले में बाबरी मस्जिद की शैली पर मस्जिद बनाने के लिए शिलान्याश किया गया था. मस्जिद बनाने के लिए चलाए जा रहे चंदा अभियान में अब तक सूत्रों के अनुसार 1.30 करोड रुपए का चंदा मिल चुका है.
मशीन से गिनी जा रही चंदे में मिली राशि, बड़ी रकम का दावा
बताया जाता है कि चंदे के लिए जगह-जगह लगाए गए दान पत्र लगभग भर चुके हैं और नगदी गिनने वाली मशीनों की मदद से गिनती चल रही है. चंदा नगदी और ऑनलाइन दोनों तरीके से मिल रहा है. कबीर के करीबी लोगों की माने तो कुछ दानपेटियों और एक बोरी से अब तक कम से कम 37 लाख रुपए नगद निकले है. जबकि क्यू आर कोड के माध्यम से ऑनलाइन चंदा 93 लाख से अधिक पहुंच गया है. कुल राशि 1.30 करोड़ हो गई है. अभी 7 और सील बंद पेटियां खोलनी बाकी है.
कबीर ने शनिवार को मुर्शिदाबाद में मस्जिद की आधारशिला रखी
बता दें कि कबीर ने शनिवार को मुर्शिदाबाद में मस्जिद की आधारशिला रखी. उन्होंने जानबूझकर 6 दिसंबर का दिन चुना, जो अयोध्या में बाबरी मस्जिद के विध्वंस की वर्षगांठ थी. इसके बाद से ही बंगाल का सियासी पारा चढ़ गया है. हुमायूं कबीर ने कार्यक्रम स्थल पर 11 बड़े स्टेनलेस स्टील के दान पत्र रखे थे और लोगों से चंदे की अपील की थी. 30 लोगों की एक टीम रुपयों की गिनती कर रही है. जानकारी के अनुसार पश्चिम बंगाल की बेलडांगा सीट से विधायक हुमायूं कबीर ने राजनीति 1993 में कांग्रेस के साथ शुरू की थी. कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी के करीबी माने जाने वाले कबीर पहली बार कांग्रेस में रहते हुए पंचायत चुनाव में अपनी किस्मत आजमाई थी.
2011 में कांग्रेस की टिकट पर पहली बार बने विधायक
विधानसभा चुनाव भी पहली बार 2011 में कांग्रेस में रहते हुए लड़ा और जीते. एक साल में ही कांग्रेस से उनका मन भर गया और नवंबर 2012 में वह तृणमूल कांग्रेस में शामिल हो गए. तृणमूल कांग्रेस ने हुमायूं कबीर को मंत्री बनाया , मंत्री बने रहने के लिए चुनाव जीतने के लिए वह उपचुनाव लड़ा, लेकिन चुनाव हार गए. इसलिए उन्हें मंत्री पद छोड़ना पड़ा. कबीर ने जुलाई 2025 में घोषणा की थी कि अगर टीएमसी अपने मुर्शिदाबाद जिला नेतृत्व में सुधार नहीं करती, तो वह अपनी अलग पार्टी गठित करेंगे. उन्होंने कहा था कि नई पार्टी 2026 विधानसभा चुनाव में 50 से 55 सीटों पर चुनाव लड़ेगी. उसके बाद उन्होंने मुर्शिदाबाद में बाबरी मस्जिद की तर्ज पर मस्जिद शिलान्याश की बात कही थी.
आखिर ममता दीदी की पार्टी से क्यों निलंबित किये गए विधायक ?
इसके बाद तृणमूल कांग्रेस ने उन पर कार्रवाई करते हुए सस्पेंड कर दिया. तृणमूल कांग्रेस का कहना था कि हुमायूं कबीर सांप्रदायिक राजनीति कर रहे थे, जो पार्टी की नीतियों के खिलाफ है. सस्पेंशन के तुरंत बाद हिमायूं कबीर ने कहा कि वह 22 दिसंबर को अपनी नई पार्टी बनाएंगे और 2026 के चुनाव में टीएमसी को टक्कर देंगे. उनका दावा है कि वर्तमान मुख्यमंत्री ममता बनर्जी 2026 में मुख्यमंत्री नहीं रहेंगी. वह भाजपा में भी रह चुके है. बाबरी मस्जिद बिध्वंश के 33 साल बाद बंगाल की राजनीति पर उसकी बड़ी छाप दिख रही है. बंगाल में अगले साल विधानसभा चुनाव प्रस्तावित है. इस बीच बंगाल में बाबरी मस्जिद का मामला बड़ा राजनीतिक मुद्दा बन गया है.
रिपोर्ट-धनबाद ब्यूरो
