धनबाद(DHANBAD): गैंग्स ऑफ वासेपुर पर फिल्म बनी. फिल्म की कहानी वासेपुर के कमर मखदूमी रोड के अगल बगल घूमती है. लेकिन अब इस रोड में रहने वाले शांतिप्रिय लोगों की हालत विचित्र हो गई है. न कुछ बोलते बनता है और ना घरबार बेचकर कहीं दूसरी जगह ही जा सकते हैं. मामा और भांजे की लड़ाई में कब किस पर हमला हो जाए, यह नहीं कहा जा सकता. हालत यह है कि इस रोड के नीचे मोहल्ले में रहने वाले परिवार के लोग अपने घर तक जाने के लिए 50 मीटर का रास्ता तय करने के बजाए एक किलोमीटर घूमकर जाना अधिक पसंद करते हैं. शांतिप्रिय लोग बहुत ऐसे मिलेंगे, जो अपने बच्चों को इस माहौल से दूर रखने के लिए कहीं बाहर भेज दिया है. इस मोहल्ले के ढेरों युवा गल्फ कंट्री में नौकरी और रोजगार कर रहे हैं. और वही अपना ठिकाना भी बना लिया है. त्योहार के मौके पर भी लोग अपने बच्चों को बुलाना नहीं चाहते. इस रोड की विशेषता यह भी है कि इस मुहल्ले से आईएएस, बॉलीवुड एक्टर सहित अन्य अधिकारी भी निकले हैं. मोहल्ले की बदनामी से वह भी परेशान हैं लेकिन करे तो क्या करें.
दो परिवारों की लड़ाई ने मोहल्ले की शांति को भंग कर दिया
मामा फहीम खान और भांजा प्रिंस खान के बीच शुरू हुए हालिया विवाद ने इस सड़क के अगल-बगल रहने वाले लोगों को चिंता में डाल दिया है. मोहल्ले के कोई भी लोग पक्ष या विपक्ष में कुछ भी बोलने से परहेज करते हैं. मोहल्ले के लोगों को इन परिवारों से शिकायतें तो बहुत है लेकिन मुंह खोलने का साहस नहीं है. दबी जुबान से कहते हैं कि दो परिवारों की लड़ाई ने मोहल्ले की शांति को भंग कर दिया है. कई युवाओं को अपराध की दुनिया में धकेल दिया है. कम उम्र में ही युवा अपराध के दलदल में फस गए हैं. दो परिवारों में चल रही लड़ाई का ही नतीजा है कि 2 दर्जन से अधिक मोहल्ले के युवाओं के खिलाफ कोई न कोई आपराधिक मामला दर्ज है. मोहल्ले में रहने वाले अधिकांश लोग इलाका छोड़कर जाना चाहते हैं, लेकिन सड़क के दोनों ओर मकान बनाने में लोगों को खर्च आया है ,उन मकानों के खरीदार नहीं मिल रहे हैं. नतीजा है कि सब कुछ बर्दाश्त करते हुए मुंह दबाकर किसी प्रकार रह रहे हैं. इस सड़क की ही बात क्यों करें ,आज वासेपुर सहित धनबाद के कई इलाकों में शुरू हुए नए गैंगवार की चर्चा है. मोहल्ले में रहने वाले लोग चौकन्ना रहते हैं. दोनों परिवार से दूरी बनाकर रहने की कोशिश करते हैं. धनबाद से भूली जाने वाली सड़क में नूरी मस्जिद के सामने ही कमर मखदुमी रोड है, जो नीचे मोहल्ला होते हुए मटकुरिया रोड में जाकर मिलता है .10 फीट की इस सड़क के दोनों तरफ मकान बने हुए हैं. कुछ छोटी बड़ी दुकानें भी हैं. तंग गलियों में भी दुकानें और मकान हैं, लेकिन रहने वाले लोग भय के साए में जी रहे हैं.
एक बार फिर प्रिंस खान की सक्रियता बढ़ गई
3 मई को गैंगस्टर फहीम खान के बेटे इकबाल पर हुए हमले के बाद लोगों का भय बढ़ गया है. लोग यह मानकर चल रहे हैं कि फहीम खान गुट भी कमजोर नहीं है. ऐसे में हमला कांड और हो सकते हैं. इधर, प्रिंस खान का गुट भी सक्रिय है और प्रिंस खान ने नन्हे हत्याकांड के बाद वीडियो जारी कर यह ऐलान कर दिया है कि वह फहीम खान के परिवार को खत्म कर देगा. अब तक समर्थकों पर हमले होते थे लेकिन 3 मई को पहली बार फहीम खान के बेटे पर हमला हुआ. नन्हे हत्याकांड के बाद से ही प्रिंस खान धनबाद छोड़ दिया है. वह किसी गल्फ कंट्री में शरण लिए हुए हैं. वहीं से गैंग को ऑपरेट कर रहा है. फिलहाल प्रिंस खान का पासपोर्ट रद्द कर दिया गया है. उसके खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस जारी करने की प्रक्रिया जारी है. इन प्रक्रिया के बाद प्रिंस खान शांत हो गया था .किसी के पास मेजर का फोन नहीं आ रहा था. लेकिन एक बार फिर प्रिंस खान की सक्रियता बढ़ गई है. इससे केवल लोग ही चिंतित नहीं हैं, पुलिस भी परेशान है. देखना है की पुलिस इस चुनौती से कैसे निपटती है. धनबाद पुलिस के लिए वासेपुर में शांति बहाल करना बड़ी चुनौती है.
रिपोर्ट: धनबाद ब्यूरो